ब्रिटेन ने मंकीपॉक्स की बीमारी की गंभीरता को कुष्ठ, प्लेग स्तर में अपग्रेड किया
- देश ने 7 जून तक मंकीपॉक्स वायरस के 321 मामलों का पता लगाया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मंकीपॉक्स को एक उल्लेखनीय बीमारी के रूप में नामित करते हुए यूके के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंकीपॉक्स की गंभीरता को कुष्ठ और प्लेग के साथ अपग्रेड किया है।यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) के अनुसार, देश ने 7 जून तक मंकीपॉक्स वायरस के 321 मामलों का पता लगाया है - इंग्लैंड में 305 पुष्ट मामलों के साथ, स्कॉटलैंड में 11, उत्तरी आयरलैंड में 2 और वेल्स में 3 मामलों की पुष्टि हुई है। एजेंसी ने एक कानून बनाया, जो 8 जून से स्वास्थ्य सुरक्षा (अधिसूचना) विनियम 2010 के तहत मंकीपॉक्स को एक उल्लेखनीय संक्रामक रोग बनाता है। इसका मतलब यह है कि इंग्लैंड में सभी डॉक्टरों को अपनी स्थानीय परिषद या स्थानीय स्वास्थ्य सुरक्षा टीम (एचपीटी) को सूचित करना आवश्यक है, यदि उन्हें संदेह है कि किसी मरीज को मंकीपॉक्स है।
एजेंसी ने कहा कि यदि प्रयोगशाला के नमूने में मंकीपॉक्स वायरस की पहचान की जाती है, तो प्रयोगशालाओं को यूकेएचएसए को भी सूचित करना चाहिए। यूकेएचएसए में मंकीपॉक्स घटना निदेशक वेंडी शेफर्ड ने कहा, तेजी से निदान और रिपोर्टिग, संचरण को बाधित करने और मंकीपॉक्स के किसी भी आगे के प्रसार को रोकने की कुंजी है। यह नया कानून हमें और हमारे स्वास्थ्य भागीदारों को बीमारी की तेजी से पहचान, उपचार और नियंत्रण करने में मदद करेगा। शेफर्ड ने कहा, यह डेटा के तेजी से संग्रह और विश्लेषण के साथ भी हमारा समर्थन करता है जो हमें बीमारी के संभावित प्रकोपों का पता लगाने और निकट संपर्को का तेजी से पता लगाने में सक्षम बनाता है, जबकि टीकाकरण की पेशकश जहां आगे संचरण को सीमित करने के लिए उपयुक्त है।
यह कदम मंकीपॉक्स को 33 अन्य बीमारियों के समान कानूनी स्थिति में बढ़ा देता है - जिसमें कुष्ठ, मलेरिया, रेबीज, प्लेग और पीला बुखार शामिल हैं, जिन्हें यूके के स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों के तहत सूचित के रूप में नामित किया गया है। टेलीग्राफ के मुताबिक, यूके के लॉकडाउन में जाने से पहले, 5 मार्च 2020 को कोविड-19 को भी एक उल्लेखनीय बीमारी करार दिया गया था। लेकिन यूकेएचएसए के एक महामारी विज्ञानी डॉ. मेघन काल ने कहा कि मंकीपॉक्स को लेकर नवीनतम कदम का रोग नियंत्रण उपायों से कोई सीधा संबंध नहीं है और इसकी व्याख्या कोरोनोवायरस की तरह प्रतिबंधों के अग्रदूत के रूप में नहीं की जानी चाहिए।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   8 Jun 2022 9:30 PM IST