चीन के खिलाफ तिब्बती संगठनों ने बड़े पैमाने पर किया विरोध प्रदर्शन

Tibetan organizations protested on a large scale against China
चीन के खिलाफ तिब्बती संगठनों ने बड़े पैमाने पर किया विरोध प्रदर्शन
चीन चीन के खिलाफ तिब्बती संगठनों ने बड़े पैमाने पर किया विरोध प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क,  शिमला। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में गैर-सरकारी संगठनों, राजनीतिक दलों, छात्र समूहों आदि समेत कई तिब्बती संगठनों ने चीन की दमनकारी नीतियों और तिब्बत पर अवैध कब्जे के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।

पहाड़ी राज्य में तिब्बती लोगों ने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से तिब्बत के लोगों पर चीनी सरकार द्वारा अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ मोर्चा खोला।

तिब्बती महिला संघ, नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ तिब्बत और गु चू सम मूवमेंट एसोसिएशन ऑफ तिब्बत ने रविवार को धर्मशाला के मैकलोडगंज में मुख्य चौक पर चीनी अत्याचारों के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया।

भारत में रहने वाले तिब्बती समुदाय ने 17 जून को अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस भी मनाया गया, जिसने दुनियाभर के लोगों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होने के लिए प्रेरित किया।

अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस कुछ सबसे जघन्य अपराधों जैसे कि नरसंहार, हत्या, जबरन हिरासत, अनुचित जेल कारावास, अपराध के अपराधियों को दंडित करने और लोगों को न्याय दिलाने के संबंध में जवाबदेही सुनिश्चित करने के महत्व का जश्न है।

तिब्बती महिला संघ की उपाध्यक्ष सेरिंग डोल्मा ने कहा कि 20वीं शताब्दी के दौरान, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 1949 में तिब्बत के अमदो और खाम प्रांतों पर कब्जा करके तिब्बत पर आक्रमण शुरू किया। 1959 में चीन द्वारा पूरे तिब्बत पर अवैध रूप से कब्जा करने के बाद, तिब्बती प्रतिरोध आंदोलन पर नकेल कसने के लिए एक मार्शल लॉ लगाया गया था।

डोल्मा ने कहा कि चीन द्वारा आक्रमण और अवैध कब्जे के कारण तिब्बत में कम से कम छह मिलियन लोग मारे गए और कई तिब्बतियों को भी अपनी मातृभूमि छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने कहा कि तिब्बत के लोगों को न्याय से वंचित रखा गया है। वे बुनियादी मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के लिए चीन के अत्याचारों के खिलाफ लड़ रहे हैं।

23 जून, 2022 को चीनी पुलिस ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की तस्वीर अपने घर में रखने के आरोप में एक तिब्बती महिला जुमकर को गिरफ्तार किया था।

उन्होंने कहा कि कई तिब्बती लोगों ने चीनी उत्पीड़न के कारण कठोर उत्पीड़न, यातना, कारावास और हत्याओं में अपनी जान गंवाई है। चीन की तानाशाही नीतियों ने तिब्बत में संकट पैदा कर दिया है।

 

आईएएनएस

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Created On :   18 July 2022 10:30 AM IST

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