जिस तालिबान के अफगान की सत्ता पर कब्जा होने के बाद पाकिस्तान में था जश्न का माहौल, अब वही बना सबसे बड़ी मुसीबत

The Taliban which was celebrated in Pakistan after taking over the power of Afghanistan, has now become the biggest trouble
जिस तालिबान के अफगान की सत्ता पर कब्जा होने के बाद पाकिस्तान में था जश्न का माहौल, अब वही बना सबसे बड़ी मुसीबत
तालिबान-पाकिस्तान विवाद जिस तालिबान के अफगान की सत्ता पर कब्जा होने के बाद पाकिस्तान में था जश्न का माहौल, अब वही बना सबसे बड़ी मुसीबत
हाईलाइट
  • बड़े हमले की तैयारी कर रहा तालिबान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। 11 दिसंबर की रात दोनों देशों के बीच हुई फायरिंग में पाकिस्तानी सेना के एक जवान समेत 5 नागरिकों और 1 अफगानी नागरिक के मर जाने के बाद तनाव और बढ़ गया है। पाकिस्तान की तरफ से आरोप लगाया है कि अफगानिस्तान की ओर से बिना किसी वजह के जानबूझकर फायरिंग की गई है। 

वहीं इस मामले पर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने एक सुरक्षा अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक के बाद उन्होंने कहा, सीमा पर जो कुछ हुआ वो गलत है। अफगानिस्तानी सेना की तरफ से हमारी सेना और नागरिकों पर बिना किसी वजह के फायरिंग की गई। उन्होंने कहा कि, तालिबान सरकार को यह तय करना होगा कि अब इस तरह की घटना दोबारा न हो। उन्होंने धमकी भरे लहजे में अफगान सरकार से कहा कि इस तरह की घटना अब दुबारा सहन नहीं की जाएगी। वहीं इस पूरे मामले पर अफगान तालिबान सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

बड़े हमले की तैयारी कर रहा तालिबान

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चमन बॉर्डर पर हुए इस हमले के बाद वहां तनाव का माहौल है। दोनों देशों की बॉर्डर का यह इलाका काफी समय तक बंद भी रहा था। अब अफगान तालिबान इस इलाके में दोबारा एक्टिव हो गया है। उसने यहां जवाबी हमले की तैयारी शुरू कर दी है। तालिबान ने अपने लड़ाकों को इस इलाके में बख्तरबंद गाड़ियों, तोपों और दूसरे भारी हथियारों के साथ तैनात किया है। 

तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद बिगड़े रिश्ते

दोनों देशों की सीमा को डूरंड लाइन अलग करती है। अफगान तालिबान इस सीमा को नहीं मानता और पाकिस्तान के कई इलाकों को अपना हिस्सा बताता है। जब इस सीमा पर पाकिस्तान ने तारबाड़ी की थी तो तालिबान ने इसे हटा दिया था। दोनों के बीच सीमा विवाद के चलते हुई फायरिंग में पिछले दो हफ्तों के दौरान 7 पाकिस्तानी सेना के जवानों की मौत हो गई है। न्यूज एजेंसी से बात करते हुए एक अफगानी सैन्य अधिकारी ने फायरिंग की वजह बताते हुए कहा कि, हम बॉर्डर पर नया चेक पाइंट बनाना चाहते थे। जिसे पाकिस्तान ने रोकने की कोशिश की। इसी वजह से तनाव बढ़ गया। पाकिस्तानी सेना की तरफ से हुई फायरिंग में हमारा एक सैनिक शहीद हुआ और 10 नागरिक घायल हुए। इसके बाद हमारी तरफ से जवाबी कार्रवाई की गई। 

गौरतलब है कि जब तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा किया था उस समय पाकिस्तान में जश्न मनाया गया था। यहां तक कि तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने तालिबान की जीत को लेकर कहा था कि तालिबान ने आज गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया है। लेकिन सत्ता संभालने के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते दिन-ब-दिन बिगड़ते गए। सत्ता पर काबिज होने के 5 दिन बाद ही तालिबान ने साफ कर दिया कि वो डूरंड रेखा को नहीं मानता। पाकिस्तान को अफगानिस्तान का कब्जा किया हुआ  हिस्सा खाली करना होगा। पाकिस्तान की तरफ से इसका विरोध किया और सीमा पर अपनी सेना तैनात कर दी। जिसके बाद तालिबान ने वहां के पाकिस्तानी चेक पोस्ट्स को उड़ा दिया।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दोनों देशों के पिछले 6 महीने से भारी तनाव चल रहा है। इसी साल चमन बॉर्डर पर नवंबर के महीने में दोनों तरफ से लगातार 8 दिनों तक फायरिंग हुई थी।
 

Created On :   12 Dec 2022 5:23 PM IST

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