अफगान महिलाओं पर तालिबानी लड़ाकों का कहर, पहले राइफल बट से पीटा, फिर बीच सड़क पर घसीटा
- नहीं सुधरा तालिबान
डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबानी लड़ाके महिलाओं के ऊपर कहर बरपा रहे हैं। अफगान महिलाओं की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया है, उनकी शिक्षा पर भी रोक लगा दी गई है। यहां तक कि तालिबानी हुकूमत की तरफ से साफ कह दिया गया है कि महिलाएं अकेले बस में यात्रा नहीं कर सकती हैं। अफगान महिलाएं तालिबानी सरकार में नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। इसी बीच शनिवार को तालिबान लड़ाकों ने तो हद ही पार कर दी। उन्होंने प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं को राइफल बट से बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया।
खबरों के मुताबिक ये सभी महिलाएं काबुल में प्रदर्शन कर रही थीं। प्रदर्शन के दौरान तालिबानी लड़ाकों ने महिलाओं के साथ खबर कवर कर रहे पत्रकारों की भी बेहरमी से पिटाई कर दी। तालिबानी लड़ाकों ने प्रदर्शन को रोकने के लिए हवा में फायरिंग भी की। तालिबानी लड़ाके के रवैए को देखकर कई महिलाएं जान बचाने के लिए दुकानों में घुस गईं। उसके बाद भी उन्हें घसीटते हुए बाहर लाकर बीच सड़क पर जमकर पीटा गया। दुनियाभर के कई देश तालिबान के महिलाओं के साथ अत्याचार पर निंदा कर चुके हैं।
क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि अफगानिस्तान से तालिबान ने जब से सत्ता छीना तभी से महिलाओं का शोषण शुरू है। महिलाओं के हर मौलिक अधिकारों को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। पढ़ी-लिखी महिलाएं मानसिक अवसाद का शिकार हो रही हैं। इसी कड़ी में शनिवार को करीब 40 अफगान महिलाएं शिक्षा मंत्रालय की इमारत के सामने खड़ी होकर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। इस दौरान रोटी, काम और आजादी का नारा भी महिला प्रदर्शनकारियों की तरफ से लगाया जा रहा था। तालिबानी हुकूमत में महिला प्रदर्शन करें ये कहां बर्दाश्त हो सकता है फिर तालिबानी लड़ाके बर्बरता पर उतर आए और महिलाओं के ऊपर अत्याचार करना शुरू कर दिया ताकि आंदोलन समाप्त किया जा सके।
तालिबानी लड़ाकों ने पार की सारी हदें
समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से खबर है कि तालिबानी लड़ाके प्रदर्शनकारी महिलाओं के ऊपर टूट पड़े और उन्हें खूब पीटा। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं जोलिया पारस ने एएफपी को बताया कि तालिबानी लड़ाकों ने उनके बैनर फाड़ दिए और महिलाओं के मोबाइल भी छीन लिए। वैसे तालिबान सत्ता में वापसी करने के बाद ही बता दिया था कि देश शरिया कानून के हिसाब से चलेगा। उस वक्त भी महिलाओं ने जमकर विरोध किया था।
अब जब फिर से महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर आगे आकर प्रदर्शन करना शुरू कर दी हैं तो उन्हें दबाने की कोशिश जारी है। इस बार से बड़ी बात यह थी कि प्रदर्शन के दौरान कई तालिबानी महिलाएं नकाब तक नहीं पहनी थीं। ये बात तालिबान को रास नहीं आई। महिलाएं विरोध में न्याय की मांग कर रही थीं और कह रही थीं कि हम इस अज्ञानता से तंग आ चुके हैं। तालिबान महिलाओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। उन्हीं गुलामी जैसी जिंदगीजीने को मजबूर किया जा रहा है।
Created On :   13 Aug 2022 8:05 PM IST