रूस ने काला सागर नौसैनिक अड्डे पर सैन्य डॉल्फिनों को तैनात किया
- सोवियत-युग की योजना के तहत चलाया गया यह कार्यक्रम 1990 के दशक से उपेक्षित रहा
डिजिटल डेस्क, लंदन। रूस ने काला सागर में अपने नौसैनिक अड्डे पर प्रशिक्षित सैन्य डॉल्फिनों को तैनात किया है - संभवत: अपने बेड़े को पानी में हमले से बचाने के लिए। उपग्रह चित्रों के एक नए विश्लेषण में यह पता चला है।
द गार्जियन ने बताया कि यूएस नेवल इंस्टीट्यूट (यूएसएनआई) ने सेवस्तोपोल बंदरगाह पर नौसैनिक अड्डे की उपग्रह इमेजरी की समीक्षा की और निष्कर्ष निकाला कि फरवरी में यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की शुरुआत में दो डॉल्फिन पेन को बेस में ले जाया गया था।
रूस में सैन्य उद्देश्यों के लिए डॉल्फिन को प्रशिक्षित करने का इतिहास रहा है। जलीय स्तनपायी का उपयोग खोई हुई वस्तुओं को फिर से पाने या दुश्मन के गोताखोरों को रोकने के लिए किया जाता।
सेवस्तोपोल नौसैनिक अड्डा रूसी सेना के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्रीमिया के दक्षिणी सिरे पर स्थित है, जिसे मास्को ने 2014 में जब्त कर लिया था।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, यूएसएनआई के विश्लेषण के अनुसार, मिसाइलों की सीमा से बाहर, कई रूसी जहाज वहां लंगर डाले हुए हैं, जो संभावित रूप से पानी के नीचे के हमलों की चपेट में हैं।
यूक्रेन ने भी सेवस्तोपोल के पास एक एक्वेरियम में डॉल्फिनों को प्रशिक्षित किया था। सोवियत-युग की योजना के तहत चलाया गया यह कार्यक्रम 1990 के दशक से उपेक्षित रहा।
शीत युद्ध के दौरान, अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ने डॉल्फिन का उपयोग विकसित किया, जिनकी इकोलोकेशन क्षमताएं उन्हें पानी के नीचे खदान जैसी वस्तुओं का पता लगाने की अनुमति दे सकती हैं।
अमेरिका ने डॉल्फिन और समुद्री शेरों के सैन्य उपयोग पर कम से कम 20.8 लाख डॉलर खर्च किए हैं। इन्हें संभावित संघर्षो में मदद के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है।
आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक, सेवस्तोपोल कार्यक्रम को 2012 में यूक्रेनी नौसेना द्वारा पुनर्जीवित किया गया था, लेकिन 2014 में क्रीमिया पर हमले के बाद ये स्तनधारी जीव रूसी हाथों में चले गए। यूक्रेन ने इन जानवरों की वापसी की मांग की लेकिन नहीं दी गई। मॉस्को ने अब इस योजना का विस्तार करने की योजना बनाई है।
(आईएएनएस)
Created On :   28 April 2022 8:00 PM IST