धार्मिक आजादी पर भारत को रेड लिस्ट में डालो
- बीते साल सीपीसी की सिफारिश को अस्वीकार कर दिया गया था
- भारत को धार्मिक आजादी पर रेड लिस्ट में डालने की सिफारिश
डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिकी मानवाधिकार निकाय ने सिफारिश की है कि अमेरिकी विदेश विभाग को भारत सहित चार और देशों को अपनी रेड लिस्ट या विशेष चिंता वाले देशों (सीपीसी) पर रखना चाहिए। बता दें कि धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार रैकिंग जारी करने से एक माह पहले ही अमेरिकी संस्था की तरफ से सिफारिश के बाद भारत ने कड़ा एतराज जताया है। भारत की तरफ से कहा गया है कि उसे भारत के संविधान की उतनी समझ नहीं है।
इन देशों को रेड लिस्ट में डालने की हुई सिफारिश
आपको बता दें कि अमेरिकी अमेरिकी मानवाधिकार निकाय ने अमेरिकी विदेश विभाग से सिफारिश की है कि धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार रैंकिंग में उसे भारत और रूस समेत पांच देशों को रेड लिस्ट में डालना चाहिए। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय (एमइए) ने कड़ा एतराज जताया है। एमइए ने अक्सर अंतररार्ष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग को सिफारिशें की हैं। मंत्रालय के प्रवक्ताओं ने कहा है कि यूएससीआईआरएफ निष्पक्ष है। जहां तक भारत का संबंध है, उसे भारत और उसके संविधान की सीमित समझ है। हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्री ने निकाय की सिफारिशों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यूएससीआईआरएफ की सिफारिश हो चुकी है रिजेक्ट
गौरतलब है कि पिछले साल विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत को सीपीसी के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए USCIRF की सिफारिश को अस्वीकार कर दिया था। उन्होंने उज्बेकिस्तान को रेड लिस्ट में डालने की यूएससीआईआरएफ की सिफारिश को भी स्वीकार नहीं किया था, क्योंकि देश को अमेरिकी विदेश नीति के हितों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत आर्थिक और सैन्य क्षेत्र में कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
सीपीसी में इन देशों को किया गया शामिल
आपको बता दें कि द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग की सीपीसी सूची में भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, चीन और म्यांमार हैं। इसके अलावा उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और नाइजीरिया भी सीपीसी में आते हैं। बता दें कि यूएससीआईआरएफ की मांग है कि विदेश विभाग भारत, सीरिया, रूस और वियतनाम को भी इस सूची में शामिल करे। धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर कई बार अमेरिकी राजदूतों ने भारत और पाकिस्तान के बीच अंतर किया है। हालांकि दोनों पर अपने नागरिकों पर हिंसा का आरोप है। पिछले साल धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर सवाल पूछे जाने पर अमेरिकी राजदूत सीनेटर सैम ब्राउनबैक ने कहा था कि पाकिस्तान सीपीसी पर क्यों है और भारत क्यों नहीं।
Created On :   6 Nov 2021 6:38 PM IST