राष्ट्रपति अल्वी बोले, साइबर हमलों के बचाव में राष्ट्रीय डेटा सुरक्षा रणनीति की जरूरत
- डिजिटलीकरण की दिशा में पाकिस्तान की प्रगति
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के राष्ट्रपति हाउस में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने एक बयान में कहा कि नई साइबर सुरक्षा की चुनौतियों के लिए खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने और राष्ट्रीय डेटा को सुरक्षित रखने को एक रणनीति की आवश्यकता है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार पहले राष्ट्रव्यापी साइबर सुरक्षा हैकाथॉन 2021 के पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा कि डिजिटलीकरण की दिशा में पाकिस्तान की प्रगति के साथ साइबर हमलों का खतरा बढ़ गया है। देश के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू और नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान की प्रणाली पर साइबर हमलों के उदाहरणों का हवाला देते हुए। राष्ट्रपति ने कहा घटनाओं ने साइबर हमलों को हराने के लिए देश को एक प्रभावी रक्षक बनाने की ओर ध्यान आकर्षित किया है। पाकिस्तान को साइबर की घटनाओं को रोकने के लिए बड़ी संख्या में युवाओं को तैयार करने की सख्त जरूरत है।
देश के स्टेट बैंक ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के नेशनल बैंक का आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर 29 अक्टूबर को साइबर हमले की चपेट में आ गया था लेकिन बैंक को किसी भी डेटा या वित्तीय का नुकसान नहीं हुआ। अगस्त 2021 के आसपास फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू पर हमले के दौरान अज्ञात हैकर्स ने माइक्रोसॉफ्ट द्वारा हाइपर-वी सॉफ्टवेयर को तोड़ने में सफलता हासिल की थी। अल्वी ने कहा कि पाकिस्तान सहित दुनिया भर में बैंकिंग प्रणाली, क्रेडिट कार्ड डेटा, दूरसंचार, बिजली और बांधों के साथ-साथ अस्पतालों जैसे महत्वपूर्ण डेटा को डिजिटल कर दिया गया है, जिससे यह साइबर या रैंसमवेयर हमलों की चपेट में भी आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा की बदलती अवधारणाओं के साथ देश की रक्षा के लिए एक उचित तंत्र विकसित करने और तैनात करने के लिए बढ़ी हुई जागरूकता और क्षमताओं से जोड़ा गया है। आक्रामक और रक्षात्मक साइबर सुरक्षा के साथ देश को बराबरी पर लाने के लिए अपनी नीति में एक बदलाव की आवश्यकता है।
(आईएएनएस)
Created On :   1 Dec 2021 9:30 AM IST