काबुल शांत लेकिन अनिश्चितता के दौर में जी रहे लोग

Afghanistan Crisis Live Updates: People living in times of calm but uncertainty in Kabul
काबुल शांत लेकिन अनिश्चितता के दौर में जी रहे लोग
अफगानिस्तान काबुल शांत लेकिन अनिश्चितता के दौर में जी रहे लोग
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डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर चार दिन पहले तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद से शहर अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण बना हुआ है, लेकिन वहां के निवासी अनिश्चितता के दौर में जी रहे हैं। ताबिलान ने औपचारिक रूप से पूर्व प्रशासन की जगह अभी तक नहीं ली है।

तालिबान लड़ाकों ने तेजी से लेकिन शांतिपूर्ण कदम उठाते हुए रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया। तब से शहर में शांति है और सुरक्षा की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने सरकारी कार्यालय, साथ ही निजी और सरकारी स्कूल और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को कार्यालयों में उपस्थित होने और अपना काम जारी रखने के लिए कहा था, लेकिन ज्यादातर प्रतिष्ठान बंद ही रहें।

मंगलवार शाम को, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने काबुल में प्रवेश करने के बाद से अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकारी कर्मचारियों और निजी क्षेत्र के लोगों से अपने सामान्य कार्यो को जारी रखने का आह्वान किया और कहा कि उनका जीवन और संपत्ति सुरक्षित और संरक्षित है।

मुजाहिद ने कहा कि उन्होंने हमलावर विदेशी ताकतों को हरा दिया है और देश को विदेशी कब्जे से मुक्त कर दिया है। अफगानिस्तान में लंबे युद्ध की समाप्ति की घोषणा करते हुए, मुजाहिद ने कहा, इस्लामिक अमीरात (अफगानिस्तान ) की की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है और पूर्व दुश्मनों सहित सभी अफगानों के लिए सामान्य माफी की घोषणा की है। अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बल, सेना और पुलिस सहित पूर्व सरकारी कर्मचारी बिना किसी डर के अपनी मातृभूमि में रह सकते हैं।

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि विदेशी राजनयिक मिशन, संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और गैर-सरकारी एजेंसियां अपना काम जारी रख सकती हैं। मुजाहिद ने कुछ देशों की चिंताओं को संबोधित करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय, अपने पड़ोसियों और क्षेत्रीय देशों और अमेरिका को आश्वस्त करते हैं कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस्लामिक अमीरात (अफगानिस्तान) महिलाओं के अधिकार का सम्मान करेगा और महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में शरिया या इस्लामी कानून के दायरे में काम कर सकती हैं। दूसरी ओर काबुल के कुछ निवासी एक और युद्ध के फैलने की आशंका जता रहे हैं और अनिश्चित भविष्य के बारे में चिंतित हैं। एक स्ट्रीट वेंडर मोहम्मद अजीम ने सिन्हुआ को बताया, कई पूर्व सरदार या तो देश के अंदर या बाहर छिपे हुए हैं, वे दुबारा वापसी कर सकते हैं।

काबुल निवासी नूर खान ने कहा, अफगानिस्तान हथियारों का भंडार है और किसी भी गलती से हिंसक युद्ध छिड़ सकता है। अस्थिर स्थिति के कारण देश से भागने की कोशिश कर रहे खान ने कहा कि शांति और सुरक्षा बनाए रखने के अलावा, अधिकारियों को नौकरी के अवसर और नागरिकों के लिए आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है।

 

आरएचए/आरजेएस

Created On :   19 Aug 2021 12:30 PM IST

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