लैंगिक समानता के मामले में पाकिस्तान विश्व का दूसरा सबसे खराब देश

Pakistan second worst country in the world in terms of gender equality
लैंगिक समानता के मामले में पाकिस्तान विश्व का दूसरा सबसे खराब देश
पाकिस्तान लैंगिक समानता के मामले में पाकिस्तान विश्व का दूसरा सबसे खराब देश

डिजिटल डेस्क, जेनेवा। पाकिस्तान लैंगिक समानता के मामले में विश्व भर में दूसरा सबसे खराब देश माना गया है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व आर्थिक मंच (वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम) की ओर से बुधवार को जारी नवीनतम ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में पाकिस्तान को लैंगिक समानता के मामले में दूसरे सबसे खराब देश के रूप में स्थान दिया गया है, जिसे 146 देशों में से 145वें स्थान पर रखा गया है।

रिपोर्ट में 146 देशों को स्थान दिया गया है, जिनमें से शीर्ष पांच आइसलैंड, फिनलैंड, नॉर्वे, न्यूजीलैंड और स्वीडन हैं, जबकि पांच सबसे खराब देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, ईरान और चैड हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में वैश्विक लिंग अंतर 68.1 प्रतिशत तक दर्ज किया गया है। विश्व आर्थिक मंच ने चेताया है कि कोरोनाकाल के बाद उपजी स्थिति से जीवनयापन के संकट से पूरी दुनिया में महिलाओं के प्रभावित होने की संभावना सबसे ज्यादा है। श्रम बल में आगे लैंगिक अंतर बढ़ने के बाद इसे कम करने में 132 साल और लगेंगे। हालांकि, 2021 में लैंगिक समानता हासिल करने में 136 साल लगने की संभावना जताई गई थी।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कोविड-19 ने लैंगिक समानता को एक पीढ़ी पीछे धकेल दिया है। इससे उबरने की कमजोर दर इसे वैश्विक रूप से और प्रभावित कर रही है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान उन पांच देशों में शामिल है, जहां लिंग अंतर 5 प्रतिशत से अधिक है, जबकि अन्य देश कतर, अजरबैजान, चीन और भारत हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में आर्थिक भागीदारी और अवसर उप-सूचकांक पर सबसे बड़ा लिंग अंतर है, जबकि पिछले साल की तुलना में समग्र स्कोर में सुधार हुआ है।

पेशेवर और तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी में वृद्धि नेपाल, बांग्लादेश और भारत में सबसे उल्लेखनीय रही है। बता दें कि डब्ल्यूईएफ ने भारत के संबंध में कहा है कि यहां लैंगिक अंतर का स्कोर पिछले 16 वर्षों में सातवें सर्वोच्च स्तर पर दर्ज किया गया है। मगर यह विभिन्न मानदंडों पर सर्वाधिक खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल है। पिछले साल से भारत ने आर्थिक साझेदारी और अवसर पर अपने प्रदर्शन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं सकारात्मक बदलाव दर्ज किया, मगर श्रम बल भागीदारी 2021 से पुरूषों और महिलाओं, दोनों की कम हो गई है।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   13 July 2022 8:30 PM IST

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