पाकिस्तान: संसद में कश्मीर पर बहस, इस्लामिक देशों का हर संगठन छोड़ने की उठी मांग
- कहा मुस्लिम देशों को कश्मीर जैसे मुद्दों की कोई चिंता नहीं है
- पूर्व कानून मंत्री बोले मुस्लिम देशों का संगठन छोड़ देना चाहिए
- रजा रब्बानी ने कहा इस्लामिक उम्माह का बुलबुला फट गया है
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पूरी दुनिया में मदद की गुहार लगा चुका पाकिस्तान इस मसले पर साथ न मिलने पर तिलमिलाया हुआ है। पाकिस्तान की संसद में शुक्रवार को कश्मीर मसले पर बहस हुई। जिसमें पूर्व कानून मंत्री मियां रजा रब्बानी ने कहा- कश्मीर मुद्दे पर किसी मुस्लिम देश ने हमारा साथ नहीं दिया। पाकिस्तान को मुस्लिम देशों का संगठन (ओआईसी) छोड़ देना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र से भी खराब है ओआईसी
इस बहस के दौरान रब्बानी ने कहा कि यह संगठन (ओआईसी) तो संयुक्त राष्ट्र से भी खराब है। उन्होंने कहा,‘‘ इस्लामिक उम्माह का बुलबुला फट गया है’’ और पाकिस्तान की बेहतरी इसी में है कि वो बिना वक्त गंवाए ओआईसी छोड़े। रब्बानी ने ओआईसी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे संगठन में रहने का क्या फायदा जो मुश्किल हालात में हमारा साथ न देकर, दुश्मन की पैरवी करे।
बोस्निया और फिलिस्तीन का उदाहरण दिया
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी के सांसद और सीनेट में नेता प्रतिपक्ष रब्बानी ने बोस्निया और फिलिस्तीन का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान अथवा किसी अन्य मुस्लिम देश के समक्ष मुश्किल आने पर संगठन इसमें मदद करने में नाकाम रहा है। रब्बानी की बात का कई सांसदों ने समर्थन किया। हालांकि, इनमें ज्यादातर विपक्ष के थे।
मुस्लिम देश कारोबार को लेकर व्यस्त
संसद में बहस के दौरान रब्बानी ने कहा कि विश्व अधिक लाभोन्मुखी हो गया है और आर्थिक हितों पर केंद्रित है। रब्बानी ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी अरामको ने मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 16 बिलियन डॉलर का सबसे बड़ा करार किया। यूएई और बहरीन ने नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया। रब्बानी ने कहा मुस्लिम देश अपने कारोबार को लेकर व्यस्त हैं और उन्हें कश्मीर जैसे मुद्दों की कोई चिंता नहीं है।
Created On :   31 Aug 2019 8:22 PM IST