सीपीईसी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को दबाने में सैन्य बल तैनात कर रहा पाकिस्तान

Pakistan is deploying military force to suppress the ongoing protests against CPEC
सीपीईसी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को दबाने में सैन्य बल तैनात कर रहा पाकिस्तान
बलूचिस्तान सीपीईसी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को दबाने में सैन्य बल तैनात कर रहा पाकिस्तान
हाईलाइट
  • ग्वादर विरोध को सुलझाने की कोशिश कर रही है सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ग्वादर को हक दो आंदोलन के बैनर तले चल रहा विरोध प्रदर्शन ग्वादर से लेकर बलूचिस्तान के अन्य हिस्सों जैसे तुर्बत, पिशकन, जमरान, बुलेदा, ओरमारा और पासनी तक फैल गया है, जो पूरे मकरान तट को कवर कर रहा है। इसके अलावा, महिलाओं और व्यापारियों के रैलियों और धरना-प्रदर्शन में शामिल होने से आंदोलन को और गति मिली है।

भू-राजनीतिक विश्लेषक मार्क किनरा ने इंडिया नैरेटिव से बात करते हुए कहा एक तरफ तो बलूचिस्तान सरकार के मंत्री मौलाना हिदायत-उर-रहमान के साथ बातचीत कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ सरकार की कार्रवाई शांतिपूर्ण समाधान के लिए नहीं बल्कि आक्रामक है।वह बताते हैं कि सरकार ग्वादर विरोध को सुलझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह अपने कार्यों में सुसंगत नहीं है।

उन्होंने कहा 24 नवंबर 2021 को प्रदर्शनकारियों की दो मांगों को पूरा किया गया और दो अन्य को आंशिक रूप से पूरा किया गया, लेकिन 27 नवंबर को बलूचिस्तान के राज्यपाल ने आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश, 2021 जारी किया, जिसमें सड़कों, राजमार्गों और गलियों में रैलियों और जुलूसों के आयोजन पर रोक लगा दी गई। उल्लंघन करने वालों को बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है और 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन से छह महीने तक जेल भेजा जा सकता है।

सरकार के नवीनतम कदम के बारे में बताते हुए डॉन अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि बलूचिस्तान के केंद्रीय पुलिस कार्यालय ने ग्वादर में अतिरिक्त पुलिस बलों को बुलाया है, क्योंकि विरोध तीसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है। किनरा का कहना है कि अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती से आंदोलन को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया में एक पैटर्न उभरता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा दोनों - अध्यादेश और अतिरिक्त पुलिस की तैनाती - स्पष्ट रूप से बताता है कि प्रांतीय सरकार और इस्लामाबाद दोनों ही प्रदर्शनकारियों द्वारा अधिक मांगों को स्वीकार करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। पाकिस्तान बीजिंग की बात पर चल रहा है जो पहले ही ग्वादर विरोध को फर्जी खबर (फेक न्यूज) करार दे चुका है।

उन्होंने कहा कि ग्वादर में सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाने की दिशा में उठाया जा रहा कदम यह साबित करता है कि पाकिस्तान ग्वादर के लोगों को बुनियादी अधिकार और आजीविका प्रदान करने में दिलचस्पी नहीं रखता है। ग्वादर अधिकार आंदोलन ने चीन का ध्यान आकर्षित किया है, जिसने पाकिस्तान और चीन के बीच असामंजस्य पैदा करने के प्रयास में इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स को फर्जी समाचार करार दिया है।

बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) के अध्यक्ष खलील बलूच ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की योजना चीनी नागरिकों और पाकिस्तानी पंजाबी समुदायों को बलूचिस्तान में बसाने की है, ताकि क्षेत्र के जनसांख्यिकीय संतुलन को बदला जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों को ग्वादर से बाहर निकाला जा रहा है।

आईएएनएस

Created On :   3 Dec 2021 10:31 PM IST

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