FATF से ब्लैकलिस्ट होने से बचा पाकिस्तान, तीन देशों का मिला समर्थन
- 2012 से अब तक FATF की ग्रे सूची में है पाकिस्तान
- तुर्की
- चीन और मलेशिया से मिला समर्थन
डिजिटल डेस्क, लंदन। फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) से पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट होने से फिलहाल बच गया है। हालांकि ब्लैकलिस्ट होने का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। FATF आतंकी संगठनों के वित्तपोषण पर निगरानी रखने वाली वैश्विक संस्था है। संस्था के तीन सदस्य देशों का समर्थन पाकिस्तान को मिल गया है। पाकिस्तान FATF के सदस्य देशों तुर्की, चीन और मलेशिया से समर्थन लेने में कामयाब रहा है। हालांकि आधिकारिक तौर पर FATF अक्टूबर में इस पर फैसला सुनाया जाएगा।
FATF चार्टर के तहत, किसी भी देश को ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए कम से कम तीन सदस्य देशों का समर्थन मिलना जरूरी होता है। पाकिस्तान FATF के सदस्य देशों से समर्थन के लिए लगातार कूटनीतिक प्रयास कर रहा था, जिसके बाद पाकिस्तान को थोड़ी राहत मिल गई है जिससे वह ग्रे लिस्ट से ब्लैकलिस्ट में पहुंचने से फिलहाल बच गया है। बता दें कि पाकिस्तान 2012 से अब तक ग्रे सूची में है।
हालांकि, पाकिस्तान के ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा अभी भी पूरी तरह टला नहीं है क्योंकि इस साल अक्टूबर में आधिकारिक तौर पर FATF अपना फैसला सुनाएगी। विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान को जो राहत मिली है, वह बहुत ही कम समय की है। पाकिस्तान एफएटीएफ से ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए कितने भी देशों से वोट की मदद जुटा ले, लेकिन समस्या से पूरी तरह बचने के लिए पाकिस्तान को एक्शन प्लान के सभी मानकों को पूरा करना होगा।
FATF के अनुसार पाकिस्तान ने एक्शन प्लान के तहत कुछ शुरुआती कदम उठाए हैं लेकिन उसे मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग रोकने के लिए और भी ज्यादा सख्त और प्रभावी कदम उठाने होंगे। जिससे इन समस्याओं को रोका जा सके। APG और FATF के 27 सूत्रीय एक्शन में से पाकिस्तान ने सिर्फ 18 शर्तें ही पूरी की हैं। पाकिस्तान को इन शर्तों को पूरा करने के लिए शुरुआत में जनवरी 2019 तक का समय दिया गया था, लेकिन पाकिस्तान समस्य से शर्तें पूरी कर पाने में सफल नहीं हुआ। इसलिए बाद में समय बढ़ाते हुए पाकिस्तान को मई 2019 तक का समय दिया गया, फिर भी दिए गए समय में पाकिस्तान शर्तें पूरी करने में असफल रहा है।
पाकिस्तान को 36 वोटों में से 15 वोट FATF की ग्रे लिस्ट से छुटाकारा पाने के लिए जुटाने होंगे। विश्लेषकों के अनुसार यह काम पाकिस्तान के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि अंतराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि एक आतंकी राष्ट्र की है जो कि उसके वोट बढ़ने में समस्या उत्पन्न करेगा। इस मुद्दे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निकालने में मदद करने के लिए लंदन तैयार हो गया है।
Created On :   21 Jun 2019 5:54 PM IST