पाक मंत्री ने भारत को कश्मीर तनाव के संभावित विनाशकारी परिणाम की चेतावनी दी

Pak minister warns India of potentially disastrous consequences of Kashmir tension
पाक मंत्री ने भारत को कश्मीर तनाव के संभावित विनाशकारी परिणाम की चेतावनी दी
पाकिस्तान पाक मंत्री ने भारत को कश्मीर तनाव के संभावित विनाशकारी परिणाम की चेतावनी दी

डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल ने अपने देश में भोजन की नाजुक स्थिति को स्वीकार करते हुए चेतावनी दी है कि कश्मीर में भारत की नीतियों के एक और संघर्ष के संभावित विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।

उन्होंने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में चेतावनी दी, अगर कब्जे वाले कश्मीर में भारत की मौजूदा नीतियों से पैदा हुए तनाव और आक्रामक रुख पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इससे संभावित विनाशकारी परिणामों के साथ क्षेत्र में एक और संघर्ष हो सकता है। केंद्र शासित प्रदेश के साथ भारत के व्यवहार के बारे में कई शिकायतों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा, मैं सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और जम्मू और कश्मीर के लोगों की इच्छा के अनुसार जम्मू और कश्मीर विवाद को हल करने की जरूरत पर जोर देता हूं।

हालांकि, पाकिस्तान ने 21 अप्रैल, 1948 को पारित सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 47 को नजरअंदाज कर दिया है, जिसके तहत उसे कश्मीर से अपने सभी नागरिकों और कबायली लोगों को वापस बुलाने की जरूरत है, जिन्होंने वहां घुसपैठ की थी और उन्हें कोई सहायता नहीं दी थी। इकबाल ने स्वीकार किया कि उनके देश का भोजन केंद्र नाजुक दौर में पहुंच गया है और यह श्रीलंका जैसे परिदृश्य के कगार पर आ गया है, लेकिन उसने कश्मीर की ओर ध्यान आकर्षित किया, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से की तरह भोजन की नाजुक स्थिति का सामना नहीं करता है।

इकबाल ने कहा, पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा की स्थिति नाजुक हो गई है (और) हमें इस साल गेहूं का आयात करना होगा, जबकि वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति श्रृंखला पहले से ही बाधित है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने कुछ कड़े कदम उठाए हैं और पाकिस्तान को श्रीलंका जैसी स्थिति से बचाया है जहां हम लगभग उस परिदृश्य के कगार पर थे। उन्होंने कहा, हमारे विश्लेषकों का अनुमान था कि पाकिस्तान को श्रीलंका जैसा बनने में कितने सप्ताह लगेंगे, लेकिन इसे टालने में कामयाब रहे।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बुधवार को वाशिंगटन में घोषणा की कि उसके कर्मचारियों ने पाकिस्तान के साथ आपातकालीन वित्त पोषण में 1.177 अरब डॉलर का समझौता किया है, लेकिन इसे कार्यकारी बोर्ड द्वारा अनुमोदित करना होगा। इकबाल ने कहा कि उनकी सरकार को अब देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करना होगा। ऊर्जा और खाद्य आयात के भुगतान के लिए विदेशी मुद्रा की कमी के कारण श्रीलंका एक आर्थिक और राजनीतिक मंदी का सामना कर रहा है, जिससे गंभीर कमी हो रही है।

अपने देश की समस्याओं को रेखांकित करते हुए इकबाल ने कहा, पाकिस्तान को खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन और वैश्विक विकास से लेकर कई मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कृषि और जलवायु परिवर्तन में अपर्याप्त निवेश पर इसकी खाद्य असुरक्षा को जिम्मेदार ठहराया।

एक रिपोर्टर द्वारा उन रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर कि भारत कश्मीर में विकसित और विकासशील देशों का समूह जी20 और यूरोपीय संघ की एक बैठक की मेजबानी करने की योजना बना रहा है, इकबाल ने कहा कि यदि देश इसमें भाग लेते हैं, तो यह भारत के जम्मू और कश्मीर के एकतरफा कब्जे को मान्य करार देने और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को इतिहास के कूड़ेदान में फेंकने के बराबर होगा।

उन्होंने कहा, अगर सुरक्षा परिषद की कोई पवित्रता है, अगर यह किसी पवित्रता के संकल्प हैं, तो मुझे उम्मीद है कि जी 20 देश वहां जाकर और जम्मू-कश्मीर के एकतरफा कब्जे को मान्य करार देकर उन प्रस्तावों की पवित्रता का उल्लंघन नहीं करेंगे।

(आईएएनएस)

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Created On :   14 July 2022 3:30 PM IST

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