पाक कोर्ट ने हिंदू मंदिर हमला मामले में 22 दोषियों को 5 साल की सजा सुनाई
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- 62 लोगों को संदेह के आधार पर बरी किया गया
डिजिटल डेस्क, लाहौर। पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने 2021 में पंजाब प्रांत में एक हिंदू मंदिर पर हमला करने के मामले में कम से कम 22 आरोपियों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है। जुलाई 2021 में पंजाब प्रांत के रहीम यार खान जिले के भोंग शहर स्थित गणेश मंदिर पर बदमाशों ने लाठी, बांस और हथियारों से कथित तौर पर हमला कर दिया था।
गुस्साई भीड़ ने कथित तौर पर सुरक्षा गार्ड के साथ मारपीट की, मूर्तियों, दीवारों, दरवाजों और बिजली की फिटिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया और मंदिर के एक हिस्से को आग लगा दी और पवित्र हिंदू मंदिर को अपवित्र करने का काम किया। एक आठ वर्षीय हिंदू लड़के ने कथित तौर पर एक मुस्लिम मदरसे को अपवित्र किया था, जिसके जवाब में बदमाशों ने यह कृत्य किया।
सितंबर 2021 के दौरान हिंदू मंदिर पर हमला करने वाले कम से कम 84 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया और पंजाब प्रांत के बहावलपुर में एटीसी में मामला दर्ज किया गया। जानकारी के अनुसार बहावलपुर एटीसी जज नजीर हुसैन ने मामले में फैसला सुनाया। अदालत के एक अधिकारी ने पुष्टि की, न्यायाधीश ने कम से कम 22 संदिग्धों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई, जबकि शेष 62 लोगों को संदेह के आधार पर बरी कर दिया।
अधिकारी ने कहा, अदालत ने 22 आरोपियों को सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष ने फुटेज और गवाहों के रूप में प्रासंगिक सबूत पेश किए, जिन्होंने उनके खिलाफ गवाही दी। इस मामले को पाकिस्तान सरकार ने भी उठाया था, जिसने पहले ही कथित संदिग्धों से दस लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी। यह इसी अदालत के आदेश के अनुसार किया गया था। सरकार ने गणेश मंदिर के तत्काल जीर्णोद्धार की भी घोषणा की थी, जिसका पालन किया गया और सरकार ने मंदिर का जीर्णोद्धार किया।
पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, गुलजार अहमद ने इस घटना का संज्ञान लिया था और खेद व्यक्त किया था कि गणेश मंदिर की तोड़फोड़ ने देश को शर्मसार किया है। उन्होंने स्थानीय पुलिस पर भी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, हिंसक भीड़ को हिंदू मंदिर पर हमला करने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया। अहमद ने कहा, कल्पना कीजिए कि अपवित्रता की घटना ने हिंदू समुदाय के सदस्यों को कितनी मानसिक पीड़ा दी होगी।
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Created On :   12 May 2022 4:00 PM IST