पाक सेना ने बलूच के लापता लोगों को विद्रोही बताकर मार डाला

Pak army kills missing Baloch people as rebels
पाक सेना ने बलूच के लापता लोगों को विद्रोही बताकर मार डाला
बलूचिस्तान पाक सेना ने बलूच के लापता लोगों को विद्रोही बताकर मार डाला

डिजिटल डेस्क, क्वेटा । पिछले कुछ दिनों में बलूचिस्तान के जियारत जिले में पाकिस्तानी सेना द्वारा मारे गए नौ लोगों में से पांच की पहचान पाकिस्तानी बलों द्वारा कथित तौर पर जबरन गायब किए गए लोगों के रूप में की गई है।

बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, उनके परिवारों ने उन्हें लापता व्यक्तियों की सूची में दर्ज किया था और उनकी रिहाई के लिए विरोध कर रहे थे।

बलूच स्वतंत्रता समर्थक सशस्त्र समूह, बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा सेना के कर्नल के अपहरण और बाद में हत्या के बाद पाकिस्तानी सेना ने जि़यारत जिले और आस-पास के इलाकों में एक सैन्य अभियान चलाया।

पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने दावा किया कि हरनाई इलाके में ऑपरेशन के दौरान बलों ने बीएलए के नौ सदस्यों को मार गिराया है।

हालांकि, बीएलए ने एक मीडिया बयान में आईएसपीआर के दावों का खंडन किया और कहा कि नौ लोगों का समूह से कोई संबंध नहीं है।

बीएलए ने कहा, जियारत और हरनाई इलाकों में अपने तथाकथित तलाशी अभियान के दौरान बलूच लिबरेशन आर्मी के स्वतंत्रता सेनानियों को मारने के पाकिस्तानी सेना के दावे बलूचिस्तान में अपनी विनाशकारी विफलताओं को छिपाने के लिए केवल प्रचार रणनीति हैं।

बलूचिस्तान पोस्ट ने बताया कि समूह ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान एक भी लड़ाकू घायल या किसी भी तरह से क्षतिग्रस्त नहीं हुआ था।

आईएसपीआर ने कथित विद्रोहियों की तस्वीरें भी जारी की, जिसमें पुरुषों को एक भद्दे रूप में दिखाया गया है - उनकी दाढ़ी टेढ़ी और बढ़ी हुई है और उनके कपड़े गंदे हैं।

इन तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी, जिससे यह बहस छिड़ गई कि क्या नौ लोग वास्तव में विद्रोही थे या बलूच लापता व्यक्ति थे।

शवों को पहचान के लिए क्वेटा के सिविल अस्पताल ले जाया गया। बाद में, नौ में से पांच की पहचान उनके परिवार के सदस्यों ने की।

उनके परिवारों और लापता व्यक्तियों के लिए एक अभियान समूह वॉयस ऑफ बलूच मिसिंग पर्सन्स (वीबीएमपी) के अनुसार, इन लोगों को पाकिस्तानी कानून-प्रवर्तन एजेंसियों ने जबरन गायब कर दिया था और वे तब से लापता थे।

बलूचिस्तान के अलग-अलग इलाकों से लापता लोगों के परिजन बाकी मृतकों की शिनाख्त के लिए क्वेटा अस्पताल जा रहे हैं।

सबसे पहले पहचाने जाने वालों में शम्स सतकजई था, जिसे कथित तौर पर पांच साल पहले पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने उठा लिया था और तब से वह हिरासत में था।

इस तरह के फर्जी मुठभेड़ पहले भी बलूचिस्तान में रिपोर्ट किए गए थे, जहां बलों ने कथित तौर पर लापता व्यक्तियों को विद्रोही के रूप में चित्रित करते हुए मार डाला था।

ऐसी घटनाएं अक्सर तब होती हैं जब बलूच स्वतंत्रता-समर्थक सशस्त्र समूह बड़े हमले करते हैं, जहां सेना को भारी नुकसान होता है या विद्रोहियों द्वारा सेना का एक वरिष्ठ अधिकारी मारा जाता है।

बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, हालिया घटना ऐसे समय में आई है, जब बीएलए जियारत से पाकिस्तानी सेना के एक सेवारत कर्नल लाईक बेग को ले गया और बाद में उसे मार डाला।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   20 July 2022 8:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story