50 वें दिन फिर यूक्रेन मदद पर पुतिन ने नाटो देशों को दी खुली धमकी
- युद्ध से दुनिया के कई देशों पर मड़रा रहा संकट का खतरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन जंग का आज 50 वां दिन हैं। इन दिनों बाद भी रूस और यूक्रेन युद्ध समाप्त होने का नाम नहीं ले रही हैं। जंग के 50वें दिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो देशों को खुली धमकी दी। पुतिन ने कहा अगर रूस यूक्रेन जंग में नाटो का कोई भी देश कूदता हैं और यूक्रेन की मदद करता हैं तो वह उन्हें बर्बाद कर देगा। इससे पहले रूस के 4 पड़ोसी देश पोलैंड, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया के राष्ट्रपति यूक्रेन पहुंचे। उन्होंने वहां के हालातों का जायजा लिया और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को समर्थन देने का ऐलान किया।
ज़ेलेंस्की ने कहा विक्टर मेदवेदचुक, एक बार यूक्रेन में कठपुतली सरकार का नेतृत्व करने के लिए पुतिन की पसंद होने की अफवाह थी, "विशेष अभियान" में हिरासत में लिया गया,
Viktor Medvedchuk, once rumored to be Putin"s choice to lead puppet government in Ukraine, detained in "special operation," Zelensky says pic.twitter.com/VvFuaHCOqK
— BNO News (@BNONews) April 12, 2022
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने रूस के लिए सामरिक और आर्थिक महत्व के 14 रूसी राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगा दिए हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने 14 रूसी कंपनियों और संगठनों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं। ईंधन और ऊर्जा कंपनियां Gazprom, Gazprom Neft, और Transneft, ट्रक निर्माता Kamaz, Alrosa, Ruselectronics Holding Company, Rostelcom, RusHydro प्रतिबंधों के अंतर्गत आती हैं
Australia imposes sanctions against 14 Russian companies and organizations. Falling under sanctions are fuel and energy companies Gazprom, Gazprom Neft, and Transneft, truck manufacturer Kamaz, Alrosa, Ruselectronics holding company, Rostelecom, RusHydro:https://t.co/QRZsDrE3QC pic.twitter.com/sNMpLgL8od
— TASS (@tassagency_en) April 14, 2022
दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र ने गरीब देशों में पैदा हो रहे आर्थिक संकट की चेतावनी देते हुए कहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध से कई गरीब देशों में तबाही होने की आशंका है। जो खाद्य और ऊर्जा संकट पैदा कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की महासचिव रेबेका ग्रिनस्पैन ने कहा है कि 107 देश और उनके लोग किसी न किसी संकट से जोखिम में आ सकते है। ये देश पहले से ही महामारी, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सुधार के लिए धन की कमी से निपटने में संघर्ष कर रहा है। यूक्रेन युद्ध ने कई विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था के लिए तबाही का खतरा पैदा कर दिया है। ये देश पहले ही खाद्यान्न और ईंधन की बढ़ती कीमतों का सामना कर रहे हैं साथ ही जटिल आर्थिक हालात से जूझ रहा हैं।
Created On :   14 April 2022 2:17 PM IST