सेना प्रमुख की नियुक्ति पर अब इमरान खान को नहीं कोई ऐतराज, शरीफ कर सकते हैं फैसला
- नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति के मुद्दे पर नए सिरे से विचार करने की पेशकश की
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख को चुनने से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कई बार परामर्श प्रक्रिया के लिए बुलाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नियुक्ति शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए जाने पर इमरान खान को अब कोई ऐतराज नहीं हैं। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकारों से बातचीत में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष ने नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति के मुद्दे पर नए सिरे से विचार करने की पेशकश की है।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने मांग की है कि एक नए प्रमुख की नियुक्ति उनके या उनकी पार्टी के परामर्श से की जाए, इस सवाल के जवाब में खान ने कहा, नहीं वे जिसे चाहें नियुक्त कर सकते हैं। इससे पहले, पिछले कई महीनों में कई जनसभाओं और टिप्पणियों में इमरान खान ने कहा कि शरीफ और जरदारी शीर्ष सैन्य स्थान पर नियुक्ति करने के लिए अयोग्य हैं। चोरों को अनुमति नहीं दी जा सकती कि वे अगला सेना प्रमुख नियुक्त करें।
लेकिन जब एक पत्रकार ने मंगलवार को पीटीआई प्रमुख से पूछा कि क्या मौजूदा सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को सेवा विस्तार दिया जा रहा है, तो उन्होंने जवाब दिया, यह एक अरब डॉलर का सवाल है। खान ने यह भी खुलासा किया कि जवाबदेही के मुद्दे पर सैन्य प्रतिष्ठान के साथ उनके संबंध तनावपूर्ण हो गए, यह कहते हुए कि अगर देश को सुचारू रूप से चलाना है तो प्रीमियर को सशक्त बनाया जाना चाहिए।
डॉन न्यूज ने बताया कि इमरान खान ने पहले कहा था, मुझे सेना से कोई समस्या नहीं थी। समस्याएं केवल जवाबदेही के मामलों पर सामने आईं। हालांकि, सेना सकारात्मक भूमिका निभा सकती है। मेरा मानना है कि अगर देश को सुचारू रूप से चलाना है, तो प्रबंधन के साथ-साथ प्रधानमंत्री को भी शक्ति दी जानी चाहिए।
उनका मत था कि गठबंधन सरकार को कई समझौते करने पड़ते हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को गठबंधन में ब्लैकमेल किया जा सकता है.. दो-तिहाई बहुमत से प्रधानमंत्री को ताकत मिलती है। डॉन से बात करते हुए, पीटीआई के एक वरिष्ठ नेता ने भी इस धारणा की पुष्टि की कि खान और सैन्य नेतृत्व के बीच संबंधों में खटास आ गई थी, जब पीटीआई सरकार ने प्रधानमंत्री को अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए विपक्षी नेताओं की जवाबदेही से ध्यान हटाने की सलाह दी थी।
(आईएएनएस)
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Created On :   9 Nov 2022 1:00 PM IST