कोरोना संकट: भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना का समुद्री जहाज मालदीव पहुंचा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच मालदीव में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना ने समुद्र सेतु ऑपरेशन शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत नौसेना के जहाज आईएनएस जलश्व ने गुरुवार की सुबह माले बंदरगाह में प्रवेश किया। भारतीय नौसैना का यह समुद्री जहाज शुक्रवार को मालदीव में फंसे करीब 1,000 भारतीय नागरिकों को लेकर कोच्चि के लिए रवाना हो जाएगा। यह नागरिक घातक कोरोनावायरस के प्रसार के बाद मालदीव में फंस गए थे, जो कि अब भारत के प्रयासों के बाद जल्द देश लौटने वाले हैं।
#OperationSamudraSetu: The evacuation process to start tomorrow from Maldives, with INS Jalashwa carrying 750 Indians to Kochi (Kerala). https://t.co/kBvBlG7kNU
— ANI (@ANI) May 7, 2020
भारतीय नौसेना को पहले चरण में आठ मई से शुरू होने वाले भाग के रूप में मालदीव में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालने का काम सौंपा गया है। भारतीय नौसैनिक जहाज जलाश्वा और मगर पांच मई को मालदीव की राजधानी के लिए रवाना हुए थे। खाड़ी देशों में फंसे हुए नागरिकों को लाने के लिए कुल 14 जहाजों को तैयार रखा गया है और इनमें से दो जहाज पांच मई की सुबह रवाना हो गए थे।
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इन जहाजों ने सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) और सैनिटाइजेशन जैसे निर्धारित मानक प्रोटोकॉल के अनुसार व्यवस्था की है। लोगों को लाए जाने में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसलिए भारतीय नौसेना ने जहाजों से गैर-जरूरी उपकरणों को हटा दिया है। इसके अलावा दक्षिणी नौसेना कमान से जुड़े आईएनएस शार्दूल को भी इस काम में लगाया गया है। इस जहाज को दुबई में फंसे नागरिकों को लाने के लिए तैयार किया गया है। केंद्र सरकार के निर्देशों के लिए स्टैंडबाय पर 14 जहाज रखे गए हैं। भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सरकार के निर्देश जारी करते ही वे अपना मिशन शुरू कर देंगे।
Evacuation operation will be conducted in two phases, first to Kochi (Kerala) and second to Thoothukudi (Tamil Nadu). It will be a big relief for Indians here: Indian envoy to Maldives Sunjay Sudhir. #COVID19 https://t.co/o8vTE8eCF8
— ANI (@ANI) May 7, 2020
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भारतीय नौसेना ने 2006 में ऑपरेशन सुकून और 2015 में ऑपरेशन राहत के तहत पहले भी विदेशों से इसी तरह के निकासी ऑपरेशन किए हैं। नौसेना ने लेबनान (2006) और यमन (2015) जैसे युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की वापसी सुनिश्चित की थी। इससे पहले 1990 में इराक और कुवैत के बीच पहले खाड़ी युद्ध के दौरान लगभग 1.5 लाख लोगों को निकाला गया था।
Created On :   7 May 2020 3:30 PM IST