नासा, ग्लोबल मीडिया में छाया चंद्रयान-2, सफल लॉन्च पर ISRO की तारीफ

नासा, ग्लोबल मीडिया में छाया चंद्रयान-2, सफल लॉन्च पर ISRO की तारीफ
हाईलाइट
  • NASA ने सोमवार को भारत के चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर ISRO को बधाई दी
  • अमेरिका के एक प्रमुख समाचार पत्र ने लिखा "इंडिया ऑन इट्स वे टू द मून"
  • चंद्रयान-2 की सफलतापूर्वक लैंडिंग विदेशों में भी सुर्खियां बटोर रही है

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन/लंदन। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने सोमवार को भारत के चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को बधाई दी। नासा ने कहा कि वह इस बात को लेकर उत्सुक है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी चांद के दक्षिण ध्रुव के बारे में क्या जानकारी हासिल करती है?

नासा ने ट्वीट कर कहा, "चंद्रयान-2 के लॉन्च पर इसरो को बधाई, चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए एक मिशन। हमें अपने डीप स्पेस नेटवर्क का उपयोग करके आपके मिशन कॉम्स का समर्थन करने पर गर्व है, आगे देखते है कि आप चांद के दक्षिण ध्रुव के बारे में क्या सीखते हैं, जहां हम आने वाले कुछ वर्षों में अपने एस्ट्रोनॉट्स को भेजेंगे।"

 

 

चंद्रयान-2 की सफलतापूर्वक लैंडिंग विदेशों में भी सुर्खियां बटोर रही है। अमेरिका के एक प्रमुख समाचार पत्र ने लिखा "इंडिया ऑन इट्स वे टू द मून" (भारत चंद्रमा की राह पर है)। द वाशिंगटन पोस्ट ने टिप्पणी करते हुए लिखा, "चंद्रयान..2 का प्रक्षेपण ऐसे समय हुआ है जब ऐतिहासिक अपोलो..11 की 50वीं वर्षगांठ मनायी गई, जब मनुष्य पहली बार चंद्रमा पर उतरा था। भारत ने 2022 तक एक मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन भी भेजने की घोषणा की है।"

वॉशिंगटन पोस्ट ने ये भी लिखा कि "भारत की कम लागत वाली देसी तकनीक ने उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम को शक्ति दी है जो कि राष्ट्रीय गर्व और प्रेरणा का एक स्रोत है। विशेषज्ञों के हवाले से वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा कि पहला लॉन्च रोकने के तुरंत बाद दूसरा सफल प्रयास इसरो की तकनीकी क्षमताओं में विश्वास को उजागर करता है जो कि अपने 1.8 अरब डालर के बेहद कम बजट से प्रभावित नहीं हुआ। इसकी तुलना में, नासा को इस वर्ष 21.5 अरब डालर की धनराशि आवंटित की गई।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने टिप्पणी करते हुए कहा, "यदि भारत अपने इस मिशन के बाकी हिस्सों में भी सफल हो जाता है, तो वह 200,00 मील से अधिक दूर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा राष्ट्र बन जाएगा। इसका लक्ष्य रहस्यमयी दक्षिणी ध्रुव के पास का एक क्षेत्र है। जहां किसी अन्य मिशन ने अब तक खोज नहीं की है।" न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा, "यह भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक बड़ी छलांग होगा और सभी जगह के वैज्ञानिकों और रक्षा विशेषज्ञों की नजर इस पर लगी है कि क्या देश इसमें सफल रहता है।"

सीएनएन ने टिप्पणी करते हुए कहा की "यह मिशन भारत के लिए महत्वपूर्ण है - देश एक प्रमुख स्पेस प्लेयर बनना चाहता है और 2022 तक भारत एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजना चाहता है।" सीएनएन ने कहा, "2014 में भारत मंगल ग्रह पर पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बना था, जब उसने मंगल ग्रह की कक्षा में मंगलयान को स्थापित किया था। मार्स आर्बिटर मिशन पर 7.4 करोड़ डालर का खर्च आया था जो कि उस 10 करोड़ डालर के खर्च से कम है जो हॉलीवुड ने स्पेस थ्रिलर ‘‘ग्रैविटी’’ बनाने पर किया था।" सीएनएन ने कहा, "2017 में भारत ने बेहद कम लागत में 104 उपग्रहों को एक ही मिशन में लॉन्च कर रिकॉर्ड बनाया था।"

एक प्रमुख ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने कहा कि "चंद्रयान-2 का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर लैंडिंग करना है। ऐसा करने वाला भारत पहला देश होगा जहां वह चंद्रमा की रचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र करेगा। यह भारत की चांद पर पहली सॉफ्ट लैंडिंग होगी - एक उपलब्धि जो पहले केवल रूस, अमेरिका और चीन ने हासिल की थी।"

लंदन के द टाइम्स ऑफ समाचार पत्र ने लिखा कि "भारत ने चंद्रमा पर एक रॉकेट लॉन्च किया है, जिसका मकसद चांद की सतह पर लैडिंग कर ये उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बनना है। इसके साथ ही भारत का लक्ष्य एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के तौर पर उभरने को मजबूती प्रदान करना भी है।"

बीबीसी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि "यह भारत की अंतरिक्ष एजेंसी का अब तक का सबसे जटिल मिशन है।  लॉन्च के कुछ मिनट बाद इसरो कंट्रोल रूम में तालियां बज रही थीं, क्योंकि रॉकेट बाहरी वातावरण की ओर रवाना हो गया था।"

चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने चंद्रयान..2 के प्रक्षेपण के साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया को व्यापक कवरेज दिया। पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्रों ने अपनी वेबसाइटों पर अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसियों की ओर से जारी लॉन्च की खबर को जगह दी।

Created On :   22 July 2019 11:43 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story