तिब्बत में सबसे पवित्र पहाड़ और झील
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डिजिटल डेस्क, बीजिंग। विश्व की छत पर स्थित तिब्बत में शानदार प्राकृतिक दृश्य ,प्राचीन संस्कृति और मजबूत धार्मिक माहौल मौजूद है। वहां कई पवित्र पहाड़ और झीलें बसी हैं ,पर यह सर्वमान्य है कि तिब्बत में सबसे पवित्र पहाड़ कांगरिनबोछे (कैलाश) और सबसे पवित्र झील माबांगयुंछो (मानसरोवर) स्थित है ।कांगरिनबोछे और माबांगयुंछो दोनों पास में हैं ,जो चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के आली प्रिफेक्च र की फुलान काउंटी में स्थित हैं। समुद्र सतह से आली की औसत ऊँचाई 4500 मीटर से अधिक है, जो विश्व की छत की छत के नाम से मशहूर है। कांगरिनबोछे और मांबांगयुंछो आली के ताज और चमकीले मोती की तरह देखा जाता है।
कांगरिनबोछे और माबांगयुंछो कांगदीस सांस्कृतिक सर्कल के केंद्र में स्थित है। वहां तिब्बत के स्थानीय धर्म बोन धर्म का जन्मस्थान है और रहस्यमय प्राचीन राज्य श्यांग शोंग और कु के का केंद्रीय क्षेत्र था। इतिहास में उस क्षेत्र और प्राचीन फारस ,भारत ,चीन के भीतरी इलाके और तिब्बत के मुख्य क्षेत्रों के बीच तरह-तरह का संपर्क कायम रहा। उसे बोन धर्म, तिब्बती बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म और जैन धर्म के अनुयायी विश्व का केंद्र मानते हैं। हर साल चारों तरफ से हजारों तीर्थयात्री वहां जाते हैं। पठार पर पहाड़ और झील के विशिष्ट ²श्य और विश्व के प्राचीन सांस्कृतिक केंद्र तथा तीर्थयात्रा के गंतव्य के कारण वह विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल भी बन गया है।
समुद्र सतह से कांगरिनबोछे पहाड़ की ऊँचाई 6656 मीटर है। तिब्बती भाषा में कांगरिनबोछे का मतलब निधि का बर्फीला पहाड़ होता है। उसकी चोटी साल भर बर्फ से ढकी रहती और उसका आकार भव्य और रोबदार दिखता है। चोटी के दक्षिण में बर्फीले चट्टान पर एक प्राकृतिक रूप से बना फास्तिक अक्षर का चिन्ह दिखाई देता है, जो अभिभूतकारी है। पहाड़ की तलहटी में अब एक 52 किलोमीटर लंबा चक्रीय पैदल मार्ग है, जो तीर्थयात्रियों के लिए तैयार है।
माबांगयुछो झील कांगरिनबोछे के दक्षिण पूर्व में 20 किलोमीटर दूर है, जिसकी समुद्र तह से ऊँचाई 4588 मीटर है। उसका क्षेत्रफल 400 वर्ग किलोमीटर से अधिक है और विश्व में सबसे ऊंची मीठे पानी वाली झीलों में से एक है। वह चीन में सबसे स्वच्छ और पारदर्शी झील भी है। तिब्बती भाषा में माबांगयुछो का मतलब होता है कि अपराजेय हरे जेड की झील। उसकी परिक्रमा के रास्ते की लंबाई 84 किलोमीटर है। झील के पास 8 मंदिर भी फैले हुए हैं।
उल्लेखनीय बात है कि कांगरिनबोछे और माबांगयुछे क्षेत्र अहम अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड संरक्षण क्षेत्र और जंगली पशुओं का संरक्षण क्षेत्र भी है। हर साल केंद्रीय और स्थानीय सरकार वहां के पर्यावरण संरक्षण में बड़ी पूंजी लगाती है। अगस्त 2012 में अली पवित्र पहाड़ और झील पर्यटन क्षेत्र स्थापित किया गया। पर्यटन क्षेत्र प्राधिकारण ने सत्कार सुविधाएं व स्तर उन्नत करने के साथ पर्यावरण संरक्षण, कबाड़ निस्तारण, स्थानीय किसानों व चरवाहों के जीवनयापन के सुधार समेत एक समग्र समाधान योजना लागू की है। इसके चलते पवित्र पहाड़ और झील क्षेत्र का व्यवस्थित और पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर विकास हो रहा है।
आईएएनएस
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Created On :   13 July 2022 7:01 PM IST