मंकीपॉक्स घोषित हो सकता है, हेल्थ इमरजेंसी, Who ने 23 जून को बुलाई आपात बैठक

Monkeypox may be declared a health emergency, Who called an emergency meeting on 23 June
मंकीपॉक्स घोषित हो सकता है, हेल्थ इमरजेंसी, Who ने 23 जून को बुलाई आपात बैठक
मंकीपॉक्स का डर मंकीपॉक्स घोषित हो सकता है, हेल्थ इमरजेंसी, Who ने 23 जून को बुलाई आपात बैठक
हाईलाइट
  • ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के 470 मामले सामने आए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर के कई देशों में मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी को देखते हुए मंगलवार को डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वह आगामी 23 जून को आपातकालीन बैठक आयोजित करेगा। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के बाद मंकीपॉक्स वायरस भी दुनियाभर में सिरदर्द बन चुका है।

इसी को मद्देनजर रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि आपातकालीन बैठक में यह तय किया जाएगा कि मंकीपॉक्स हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जाए या नहीं। WHO ने कहा है कि जल्द ही इसकी भी पुष्टि होगी कि मंकीपॉक्स एक अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है या फिर नहीं।

गौरतलब है कि जब दुनियाभर के देशों में साल 2020 में कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा था। तब विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से 30 जनवरी 2020 को इसे विश्व इमरजेंसी घोषित किया गया था। मंकीपॉक्स के बढ़ते मामले पर डब्ल्यूएचओ की नजर बनी हुई है। 

मंकीपॉक्स का प्रकोप चिंताजनक है

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयसस ने कहा कि मंकीपॉक्स वायरत का लगातार वृद्धि असामान्य और चिंताजनक है। इस कारण से मैंने अगले सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय हेल्थ रूल्स के मुताबिक आपातकालीन बैठक बुलाने का फैसला किया है। जिससे पता लगाया जा सके कि मंकीपॉक्स का प्रकोप विश्वस्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य है या नहीं। मंकीपॉक्स के प्रकोप से दुनियाभर के कई देश चिंतित हैं। 

ब्रिटेन में मिले सबसे ज्यादा संक्रमित

बताया जा रहा है कि मंकीपॉक्स की शुरूआत ब्रिटेन से हुई है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंकीपॉक्स से संक्रमित 104 अन्य मामलों का पता लगाया है। खबरों के मुताबिक अब इसके मामले अफ्रीकी देशों से भी आने लगे है। ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने बीते सोमवार को बताया कि अब तक देशभर में मंकीपॉक्स के 470 नए मामले सामने हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा मंकीपॉक्स वायरस समलैंगिक या ‘बाइसेक्सुअल’ पुरुषों में हैं। मंकीपॉक्स वायरस को लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति इस वायरस की चपेट आ सकता है। यदि वह मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में आता है। 

जानें मंकीपॉक्स के बारे में

जानकारों के मुताबिक, मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है जो चेचक के समान वायरस है लेकिन उससे कम गंभीर है। मंकीपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीन से संबंधित है। 1958 में बंदरो में चेचक जैसी बीमारियों के बारे में मालूम हुआ था, उनमें से एक मंकीपॉक्स भी है।

आजतक न्यूज चैनल के अनुसार, डॉ. विक्रांत शाह जो कि चेंबूर के जैन मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में कंसल्टिंग फिजिशियन और इंफेक्शन स्पेशलिस्ट है, जिन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स एक जूनोसिस डिसीज है, जो अफ्रीका में ज्यादातर जानवरों से इंसानों में फैलती है। इंसान से इंसान में इसका फैलना इतना आम नहीं है क्योंकि ये संक्रमित व्यक्ति के पस या लार के संपर्क में आने से फैलता है।

इस बीमारी को पहली बार देखा गया

गौरतलब है कि मंकीपॉक्स वायरस को सबसे पहले ब्रिटेन में बीते माह 7 मई को देखा गया था। इस बीमारी का लक्षण एक मरीज में सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था। वह मरीज नाइजीरिया की यात्रा से वापस आया था। बताया जा रहा है कि यह बीमारी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी फैल रही है। जिसको लोगों में कोरोना की तरह इसको लेकर भी डर पैदा होने लगी है। 

जानें कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस

मंकीपॉक्स वायरस छुआछूत जैसी ही बीमारी है। इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति का बिस्तर या उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए तौलिए के दोबारा इस्तेमाल करने से फैलता है। इससे संक्रमित व्यक्ति को बुखार, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, थकावट, हाथों और चेहरे पर चेचक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी का कोई अलग से इलाज नहीं है। हालांकि चेचक के खिलाफ टीकाकरण मंकीपॉक्स को रोकने में करीब 85 फीसदी प्रभावी पाया गया है। 

Created On :   14 Jun 2022 6:50 PM GMT

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