Hiroshima Day 2021: लिटिल बॉय ने आज ही के दिन जापान में मचाया था कोहराम, हिरोशिमा नागासाकी के जख्म आज भी ताजा

Hiroshima Day 2021: History, significance, facts and impacts
Hiroshima Day 2021: लिटिल बॉय ने आज ही के दिन जापान में मचाया था कोहराम, हिरोशिमा नागासाकी के जख्म आज भी ताजा
Hiroshima Day 2021: लिटिल बॉय ने आज ही के दिन जापान में मचाया था कोहराम, हिरोशिमा नागासाकी के जख्म आज भी ताजा
हाईलाइट
  • जापान नहीं भूला हिरोशिमा-नागासाकी का जख्म

डिजिटल डेस्क, जापान। बात 12 अप्रैल 1945 की है। यूरोप में दूसरा विश्व युद्ध जर्मनी की राजधानी बर्लिन के आसपास सिमट चुका था, मगर एशिया में पोट्रेट बनवाने के लिए कुर्सी पर बैठे अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की ब्रेन डेड होने के चलते मौत हो चुकी थी। फौरन ही उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति बना दिया गया। युद्ध मंत्री (war minister) हैनरी एल स्टिमसन ने नए राष्ट्रपति को सबसे पहले अमेरिका परमाणु बम प्रोग्राम के बारे में पूरी जानकारी दी। मैनहट प्रोजेक्ट नाम का यह वही प्रोग्राम था। जिसके तहत तैयार परमाणु बम तीन महीने बाद जापान के दो शहरों पर गिराए गए। पहला परमाणु बम 6 अगस्त 1945 और दूसरा 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर।

Hiroshima Day: August 6, 2021, will mark the 76th anniversary of the 1945 World War II atomic bombing. (Photo via National Archives)

पहली बार हुआ इतना घातक हमला
हिरोशिमा पर 31 हजार फीट की ऊंचाई से सुबह ठीक 8:15 बजे लिटिल ब्वॉय नाम का परमाणु बम गिराया गया। 45 सेकेंड बाद जैसे ही लिटिल ब्वॉय एक अस्पताल के ठीक ऊपर था, तभी 1900 फीट की ऊंचाई पर उसमें भयावह धमाका हुआ। कुछ ही पलों में धरती के उतने हिस्से का तापमान 7000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। बताया जाता है कि इसके फौरन बाद ही 3.43 लाख लोगों में से 40 हजार लोग भाप और राख बन गए। धुएं का गुबार 20 हजार फीट की ऊंचाई तक देखा गया। सोर्सः U.S AIR FORCE 

Hiroshima Day: Major Eatherly

पशु, पक्षी, पेड़, इंसान सब परेशान

परमाणु बम के हमले से हिरोशिमा में जापानी सेना का अड्डा और फैक्ट्रियां पूरी तरह तबाह हो गईं। कई दिनों तक वहां सिर्फ मरे हुए इंसानों की राख के साथ जले हुए पेड़ों के कुछ तने नजर आते रहे। अमेरिका ने हिरोशिमा को सिर्फ सैन्य अड्डे के कारण नहीं चुना बल्कि वह एक सेंट्रली लोकेटेड शहर पर परमाणु ताकत की नुमाइश करना चाहता था। ताकि जापान जल्द से जल्द हथियार डाल दे। परमाणु हमले के दौरान गर्मी और रेडिएशन ने लोगों पर भयावह असर डाला। हिरोशिमा और नागासाकी में कई पीढ़ियों तक विकृत अंगो वाले बच्चों का जन्म हुआ।

परमाणु हमले के बाद पहाड़ियों में बसे नागासाकी और इंडस्ट्रियल सिटी हिरोशिमा के बीच अंतर करना मुश्किल था। तकरीबन पूरा नागासाकी मलबे में बदल चुका था। दूसरे बम ने भी फौरन 40 हजार जापानियों की जान ले ली। इनके अलावा नागासाकी में झुलसने और रेडिएशन से एक साल के भीतर 30 हजार और लोगों की मौत हो गई। शहर की 40 फीसदी बिल्डिंग ढह गई। 

Hiroshima Day: When Most Cruel Atomic Bomb Killed Tens Of Thousands

तीन दिन में सरेंडर
इसका असर वही हुआ जो जापान चाहता था। तीन दिनों के भीतर हिरोशिमा और नागासाकी की पूरी तबाही देख चुके जापान ने 10 अगस्त 1945 को मित्र देशों की शर्ते मानने का फैसला ले लिया। 15 अगस्त 1945 को सरेंडर की घोषणा कर दी और 2 सितंबर 1945 को अमरिकी युद्धपोत USS मिसिओरी पर औपचारिक रूप से सरेंडर के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए। जापान की ओर से सरेंडर सेरेमनी में विदेश मंत्री शिगेमित्सु और जनरल उमेजु अन्य अधिकारियों के साथ शामिल हुए।

Created On :   6 Aug 2021 3:39 PM IST

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