Ladakh border dispute: चीन ने कहा- पैंगोंग त्सो झील से पीछे हटना शुरू हुए भारत-चीन के सैनिक
- गलवान के बाद और बिगड़ गए थे हालात
- फिंगर 4 को नो पेट्रोलिंग जोन घोषित किया
- मई 2020 से लद्दाख में दोनों देशों के बीच चल रही विवाद
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी कर कहा है कि पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी और उत्तरी तट पर चीनी और भारतीय सैनिकों ने डिसइगेंजमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन इलाकों से सैनिकों को हटाने पर दोनों देशों के बीच नौवें दौर की सैन्य कमांडर-स्तरीय वार्ता में बनी सहमति थी।
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों के बीच मॉस्को में विदेश मंत्रियों और दोनों देशों के बीच नौवें दौर की सैन्य कमांडर-स्तरीय वार्ता में बनी सहमति के अनुसार सीमा पर तैनात चीनी और भारतीय सैनिकों ने 10 फरवरी को प्लान के मुताबिक डिसइंगेजमेंट शुरू किया है। हमें उम्मीद है कि भारत दोनों देशों के बीच हुई सहमति के मुताबिक इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करेगा।
फिंगर 4 को नो पेट्रोलिंग जोन घोषित किया
फिलहाल इस मुद्दे पर भारत की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सूत्रों के मुताबिक, जो सहमति बनी है, उसमें फिंगर 4 में दोनों ओर से पेंट्रोलिंग नहीं होगी। फिंगर 4 को नो पेट्रोलिंग जोन घोषित किया गया है। ये चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। अब चीनी सेना फिंगर 8 की तरफ और भारतीय सेना धन सिंह थापा पोस्ट (फिंगर 2 से फिंगर 3) की ओर लौट रही है।
मई 2020 से लद्दाख में दोनों देशों के बीच चल रही विवाद
बता दें कि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई से गतिरोध चला आ रहा है। दोनों देश कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता कर चुके हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच 24 जनवरी को मोल्डो-चुशूल सीमा स्थल पर चीन की ओर कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता हुई थी।
मई से जारी है तनाव
8 महीने से ज्यादा समय से सीमा पर चल रहा विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस बीच आए दिन सीमा पर चीनी निर्माण की खबरें आती रहीं हैं। कुछ दिन पहले रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीन 3,488 किलोमीटर लंबी LAC पर तेजी से रडार लगाने में जुटा है।
गलवान के बाद और बिगड़ गए हालात
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।
Created On :   10 Feb 2021 8:54 PM IST