श्मशान में लग रहीं शवों की कतारों के बीच जिंगपिंग सरकार का तुगलकी फरमान, लोगों को काम पर लौटने का दे रही आदेश, कहा - 'वायरस भले ही फैले लेकिन अर्थव्यवस्था कमजोर न पड़े'
- कोरोना के आंकड़े छुपा रहा चीन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन में कोरोना तेज गति से अपने पैर पसार रहा है। कोरोना का कहर इतना है कि लोगों को इलाज के लिए अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं, वह अपना इलाज फर्श पर कराने का मजबूर हैं। कब्रिस्तान में शवों को दफनाने के लिए जगह नहीं बची है। देश के ऐसे हालातों के बाद भी जिंगपिंग सरकार लॉकडाउन लगाने के बारे में नहीं सोच रही है, उल्टा उसने लोगों को एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए कहा है कि भले ही संक्रमण फैले लेकिन फिर भी उन्हें काम पर जाना होगा, क्योंकि इससे ज्यादा जरूरी अर्थव्यवस्था को कमजोर होने से बचाना है।
अपनी तीन साल पुरानी कोविड नीति को छोड़ चुका चीन अलग-अलग तरीकों से लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि ओमिक्रॉन का सबवैरिएंट बीएफ7 कोई खतरनाक वायरस नहीं है।
मामूली मौसमी फ्लू जैसा है नया वैरिएंट - चीन सरकार
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार चीन की जिंगपिंग सरकार की तरफ से जनता को बताया जा रहा है बीएफ.7 वैरिएंट एक मौसमी फ्लू के जैसा ही है। यह जानलेवा नहीं है। इतना ही नहीं सरकार ने सबसे बड़े महामारी विशेषज्ञ झोंग नानशान से यह तक कहलावा दिया है कि ओमिक्रॉन वायरस एक मामूली जुकाम से ज्यादा कुछ नहीं है।
अर्थव्यवस्था ज्यादा जरूरी
चीनी सरकार के लिए लोगों की जान से ज्यादा अर्थव्यवस्था की सही रफ्तार ज्यादा महत्वपूर्ण है। जिंगपिंग सरकार के आला अधिकारियों की मानें तो देश में जानलेवा वायरस भले ही फैले लेकिन अर्थव्यवस्था की गति बनी रहनी चाहिए। फैक्ट्रियों में उत्पादन की रफ्तार नहीं थमना चाहिए। इसके लिए कामगारों को सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि भले ही वो संक्रमित हों, लेकिन उन्हें काम पर दोबारा लौटना होगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के मैन्यूफैक्चरिंग हब जोझियांग में सरकारी अधिकारियों ने कामगारों से कहा है कि उन्हें संक्रमित होने के बावजूद भी काम करना चाहिए। इसके अलावा चोंगकिंग के सरकारी कर्मचारियों को भी सरकार की तरफ से इसी तरह के आदेश दिए गए हैं।
अभी भी कोरोना के आंकड़े छुपा रहा चीन
कोरोना के इतने कहर बरपाने के बाद भी चीन अपनी आंकड़े छिपाने वाली करतूत से बाज नहीं आ रहा। यहां तक कि अब उसने ऐसा करने के लिए कोरोना के नियमों में ही बदलाव कर दिया है। चीन की तरफ से अब एक नई गाइडलाइन जारी हुई है जिसके अनुसार अब केवल सांस से संबंधित बीमारियों से हुई मौतों को ही कोरोना में गिना जाएगा।
पूरी दुनिया चीन के बड़े शहरों के कब्रिस्तानों से आ रही तस्वीरें और वीडियो देख रही है। जिनमें कब्रिस्तान के बाहर शवों की कतारें लगी हुई हैं। यहां तक कि कब्रिस्तानों में जगह की कमी के चलते शवों को सामूहिक रूप से भी दफनाने की तस्वीरें पूरी दुनिया ने देखी हैं। लेकिन अगर कोरोना से हुई मौतों के सरकारी आंकड़ें देखें तो यह केवल 5-10 प्रति दिन बताए जा रहे हैं।
Created On :   22 Dec 2022 9:26 AM GMT