हमास के रॉकेट हमले के बाद इजराइल ने हवाई हमले से दिया जवाब, 20 लोगों की मौत 170 से ज्यादा घायल
- इजराइल और फ़िलिस्तीन के बीच युद्ध
- इजराइल ने एक घंटे की भीतर दिया जवाब
- हमास ने की हमले की शुरूआत
डिजिटल डेस्क, यरुशलम। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने फ़िलिस्तीन और इजराइल में चल रहे युद्ध की निंदा की। सोमवार देर रात इजराइल और फ़िलिस्तीन के बीच युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस युद्ध की शुरूआत हमास के द्वारा की गई थी। इजराइल ने एक घंटे की भीतर जवाबी हवाई कार्रवाई की। जिसमें बच्चों समेत 20 लोगों की मौत हो गई है और 170 से अधिक लोग घायल हो गए।
पूरा मामला क्या हैं
सोमवार देर रात को हमास ने गाज़ापट्टी से इजराइल के यरुशलम में एक के बाद एक 7 रॉकेट दागे। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में इजराइल ने एक घंटे के अंदर गाज़ापट्टी के कई इलाके बर्बाद कर दिए। इस एयर स्ट्राइक में बच्चों समेत 20 लोगों की मौत हो गई और 170 से अधिक लोग घायल हो गए। इजराइल हमास को एक आंतकी संगठन के रुप में देखता है। विदेशी मीडिया के अनुसार हमास ने सोमवार को हमला करने की धमकी दी थी। चरमपंथी संगठन द्वारा किये गए हमलों पर इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने अपनी हद पार की है और इजराइल पूरी ताक़त से इसका जवाब देगा। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार चरमपंथी संगठन हमास के कम से कम तीन लोग इस हवाई हमले में मारे गये जो गाज़ा पट्टी क्षेत्र में संगठन का नेतृत्व करते थे।
अक्सा मस्जिद की वजह से उठा मामला
इस युद्ध की वजह अक्सा मस्जिद में इजराइली सैनिकों और फ़िलीस्तानीयों की बीच हुए संघर्ष को बताया जा रहा है। उनका मानना हैं कि रविवार(9 मई) को फ़िलीस्तानीयों ने पत्थरबाजी की थी। इस संघर्ष में कुल 300 लोग घायल हुए थे। इस हमले के बाद हमास ने सोमवार देर रात यरुशलम में रॉकेट दागे। इजराइल ने इसी हमले का जवाब गाज़ापट्टी में एयर स्ट्राइक से किया। गाज़ापट्टी हमास का गढ़ भी माना जाता है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार फ़िलीस्तानीयों और इजराइलियों के बीच टकराव कोई नई बात नहीं है। ये वहीं, अनसुलझे विवाद हैं जिनपर उनके पूर्वज लड़ते आ रहे हैं पर इस बार यरूशलम में हुए विवाद अलग हैं क्योंकि ये दोनों पक्षों के लिए धार्मिक मान्यता है और महत्तवपूर्ण क्षेत्र हैं।
भारी सुरक्षाबलों की तैनाती से नाखुश था फ़िलीस्तानी
यरूशलम में रमजान के दौरान इजराइल द्वारा भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की वजह से फ़िलीस्तानी गुस्से में थे। वे मानतें हैं कि उन्हें इस क्षेत्र में जाने से रोकने के लिए भारी सुरक्षाबल को तैनात किया गया है जिसके खिलाफ़ फ़िलीस्तानी खड़े हो गए। इस बीच सबसे बड़ी समस्या इस मसले को सुलझाने की है। दोनों देश की नेता अपने- अपने पक्ष पर अड़े हुए है।
विश्व शांति को लेकर अपील
इस विवाद को लेकर ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघों के द्वारा जल्द से जल्द इस तनाव को कम करने की बात कहीं जा रही है। अमेरिका के विदेश मंत्री ने रॉकेट हमले की निंदा की, साथ ही इसपर रोक लगाए जाने की बात कही।
Created On :   11 May 2021 3:45 PM IST