मुख्य सहयोगी के विपक्ष में शामिल होने के बाद इमरान खान की कुर्सी जाना लगभग तय
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- पीपीपी और एमक्यूएम-पी के कामकाजी संबंध अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित नहीं
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की एक प्रमुख सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने बुधवार को औपचारिक रूप से घोषणा करते हुए कहा कि वह विपक्ष के साथ शामिल हो रही है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विश्वास मत से पहले एमक्यूएम-पी ने यह घोषणा की है, जिसने इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं और अब उनका सत्ता से बेदखल होना तय नजर आ रहा है।
पहले से ही एकजुट हो चुके विपक्ष को एमक्यूएम-पी का समर्थन मिलने के साथ, इमरान खान नेशनल असेंबली में अपना बहुमत खो देंगे और यदि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने तक स्थिति समान रहती है, जो 3 अप्रैल को होने की उम्मीद है, तो उनका निष्कासन पूरी तरह से निश्चित नजर आ रहा है। एमक्यूएम-पी की घोषणा पार्टी के संयोजक खालिद मकबूल सिद्दीकी ने इस्लामाबाद में संयुक्त विपक्ष के नेताओं के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में की।
सिद्दीकी ने कहा, हम एक ऐतिहासिक क्षण में एकत्रित हुए हैं। बधाई से ज्यादा यह एक परीक्षा है, जिससे राष्ट्रीय नेतृत्व को गुजरना है। उन्होंने कहा, आज प्रार्थना का भी दिन है। आम लोगों की इच्छाएं पूरी हुई हैं। मुझे उम्मीद है कि इस बार हम एक ऐसे लोकतंत्र के लिए प्रयास कर सकते हैं, जिसका प्रभाव पाकिस्तान के आम लोगों तक पहुंच सके। सिद्दीकी ने कहा, हम इस यात्रा में इन उम्मीदों के साथ आपके साथ (विपक्ष) शामिल हुए हैं। हम किसी व्यक्ति या पार्टी के लाभ की मांग नहीं कर रहे हैं। हमारे समझौते का हर खंड पाकिस्तान की आम जनता के लिए है और विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए, जिनका हम पिछले 35 वर्षों से प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। इन क्षेत्रों के लिए हम मानते हैं कि तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, हमने सभी व्यक्तिगत हितों पर पाकिस्तान के हितों को प्राथमिकता दी है। मकबूल की घोषणा के बाद, नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने कहा, आज पाकिस्तान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि एक संयुक्त विपक्ष - विपक्ष का एक राष्ट्रीय जिरगा - एक साथ आया है और राष्ट्रीय एकता के लिए प्रयास किए गए हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी एमक्यूएम-पी को धन्यवाद दिया और विपक्ष के साथ हाथ मिलाने के उसके फैसले को ऐतिहासिक बताया।
उन्होंने कहा, मैं दोहराना चाहता हूं कि पीपीपी और एमक्यूएम-पी के कामकाजी संबंध अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित नहीं हैं। अगर हम कराची और पाकिस्तान की समृद्धि के लिए काम करना चाहते हैं तो पीपीपी और एमक्यूएम-पी को किसी भी हालत में मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा, इमरान खान अब अपना बहुमत खो चुके हैं। वह अब प्रधानमंत्री नहीं हैं। कल संसद सत्र है। चलिए कल वोटिंग करते हैं और इस मामले को सुलझाते हैं। तब हम पारदर्शी चुनाव पर काम करना शुरू कर सकते हैं और लोकतंत्र की बहाली और आर्थिक संकट के अंत की यात्रा शुरू हो सकती है।
(आईएएनएस)
Created On :   30 March 2022 9:00 PM IST