संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी अफगानिस्तान में राहत पहुंचाने में जुटे
- संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी अफगानिस्तान में राहत पहुंचाने में जुटे
डिजिटल डेस्क, संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी और उनके सहयोगी अफगानिस्तान संकट की चुनौतियों के बावजूद काबुल में 17,500 से अधिक विस्थापित लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के मुख्य प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, पिछले महीने 17,500 लोगों को नए आंतरिक रूप से विस्थापित के रूप में पहचाना गया है।
हाल के दिनों में आने वाले ज्यादातर विस्थापित लोगों के गजनी और लोगर प्रांतों से आने की सूचना है। दुजारिक ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) में से लगभग 13,500 को भोजन, नकद, स्वास्थ्य देखभाल, घरेलू सामान और पानी और स्वच्छता सहायता मिली। मानवीय जरूरतों का आकलन करने के लिए काबुल के आसपास अंतर-एजेंसी टीमों को तैनात किया गया था।
उन्होंने कहा, बड़ी चुनौतियों के बावजूद, मानवीय संगठन- संयुक्त राष्ट्र और गैर-सरकारी संगठन- दोनों अफगानिस्तान में मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के मानवीय सिद्धांतों का पालन करते हुए लाखों लोगों को सहायता और सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने अफगानिस्तान पर अपने नए अपडेट में कहा कि मूल्यांकन टीमों को काबुल में स्थिति की अनिश्चितता के कारण रविवार दोपहर को अपना अभियान बंद करना पड़ा।
कार्यालय ने कहा कि लोगों की तत्काल जरूरत आश्रय, घरेलू सामान, भोजन, स्वच्छता, स्वच्छता किट, स्वास्थ्य सेवाओं और पीने के पानी की व्यवस्था है। प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह अफगानिस्तान में बच्चों और उग्रवादियों के टकराव पर महासचिव की रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि जनवरी 2019 और दिसंबर 2020 के बीच देश में 5,770 लड़के और लड़कियां मारे गए और अपंग हो गए।
दुजारिक ने कहा कि 2021 की पहली छमाही में बच्चों के मरने की संख्या अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र द्वारा दर्ज की गई इस अवधि की अब तक की सबसे अधिक मारे गए और अपंग बच्चों की संख्या है, जो पिछले कुछ हफ्तों और दिनों में जटिल है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लिए 130 करोड डॉलर की मानवीय प्रतिक्रिया योजना केवल 38 प्रतिशत वित्त पोषित हैं, जिससे लगभग 80 करोड़ डॉलर की कमी रह गई है।
IANS
Created On :   17 Aug 2021 3:30 PM IST