ब्लैक होल की पहली तस्वीर आई दुनिया के सामने, 8 पावरफुल टेलीस्कोप से की कैप्चर

Global network of telescopes captures first-ever picture of a black hole
ब्लैक होल की पहली तस्वीर आई दुनिया के सामने, 8 पावरफुल टेलीस्कोप से की कैप्चर
ब्लैक होल की पहली तस्वीर आई दुनिया के सामने, 8 पावरफुल टेलीस्कोप से की कैप्चर
हाईलाइट
  • इसके लिए इवेंट हॉरिजन टेलीस्कोप कोलाबोरेशन (EHT) प्रोजेक्ट शुरु किया गया था।
  • एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक दल ने बुधवार को ब्लैक होल की पहली तस्वीर रिलीज की।
  • खगोल भौतिकी के इतिहास में ये एक माइल स्टोन है।

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन।  एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक दल ने बुधवार को ब्लैक होल की पहली तस्वीर रिलीज की। खगोल भौतिकी के इतिहास में ये एक माइल स्टोन है। इसके लिए इवेंट हॉरिजन टेलीस्कोप कोलाबोरेशन (EHT) प्रोजेक्ट शुरु किया गया था। ये तस्वीर M87 नामक एक आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद सुपरमैसिव ब्लैक होल और उसकी छाया की है। 

शोधकर्ताओं ने कहा यह पहला प्रत्यक्ष दृश्य प्रमाण है कि ब्लैक होल मौजूद हैं। ब्लैक होल की ये तस्वीर प्रकाश की एक अंगूठी की तरह दिखाई देती है। जिसके बीच में अंधेरा है और आस-पास रौशनी। अंगूठी का एक तरफ का हिस्सा ज्यादा उज्जवल दिखता है। विशाल आकाशगंगा मेसियर 87 या M87  विर्गो गैलेक्सी के पास है। जो कि पृथ्वी से 550 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है। सुपरमैसिव ब्लैक होल का मास हमारे सूर्य का 6.5 बिलियन गुना है। संदर्भ के लिए अगर इसकी तुलना नेप्च्यून की कक्षा से की जाए तो ये उससे भी बड़ा है। नेप्च्यून को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 200 साल का समय लगता है।

इवेंट हॉरिजन टेलीस्कोप कोलाबोरेशन के डायरेक्टर शेपर्ड डोलेमैन ने कहा, "हमने उसे देख लिया है जिसके बारे में हम सोचते थे कि इसे देखा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, "हमने एक ब्लैक होल को देखा और उसकी तस्वीर ली है।"

EHT पृथ्वी पर मौजूद टेलीस्कोपों का एक ग्लोबल नेटवर्क है जिसने ब्लैक होल की ये अब तक की पहली तस्वीर ली है। इस प्रोजेक्ट में 200 से अधिक शोधकर्ता शामिल थे। उन्होंने इस तस्वीर को कैद करने के लिए एक दशक से अधिक समय तक काम किया है। ब्लैक होल की तस्वीर को कैप्चर करने के लिए वैज्ञानिकों ने दुनिया भर की आठ रेडियो टेलीस्कोपों की शक्ति को संयोजित किया। यूरोपियन साउदर्न ऑबजर्वेटरी जो की EHT की ही हिस्सा है के अनुसार वेरी-लॉन्ग-बेसलाइन-इंटरफेरोमेट्री का उपयोग करके इन टेलीस्कोपों की शक्ति को संयोजित किया गया था। यह प्रभावी रूप से पृथ्वी के समान आकार का एक आभासी टेलीस्कोप बनाता है।

जिन टेलीस्कोपों का इस प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किया गया था उसमें ALMA, APEX, IRAM 30-मीटर टेलीस्कोप, जेम्स क्लर्क मैक्सवेल टेलीस्कोप, लार्ज मिलिमीटर टेलीस्कोप अल्फोंसो सेरानो, द सबमिलिमिटर एरे, सबमिलिमीटर टेलीस्कोप और साउथ पोल टेलीस्कोप थी। टेलीस्कोप ऐरे ने दो सप्ताह में 5,000 ट्रिलियन बाइट्स डेटा एकत्र किया, जिसे सुपर कंप्यूटरों के माध्यम से प्रोसेस किया गया था ताकि वैज्ञानिक तस्वीरो को पुनः प्राप्त कर सकें। इस ओबजर्वेशन की विस्तृत जानकारी द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में छह शोध पत्रों की एक श्रृंखला में प्रकाशित किया गया है।

बता दें कि ब्लैक होल स्पेस में वह स्थान है, जहां भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम काम नहीं करता। इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता। यहां तक कि प्रकाश भी यहां प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं निकल पाता है। यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है।

 

 

 

 

Created On :   10 April 2019 10:47 PM IST

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