डाटा दुरुपयोग के मामले में फेसबुक पर 3500 करोड़ डॉलर का मुकदमा दर्ज
डिजिटल डेस्क, सैन फ्रांसिस्को। डाटा दुरुपयोग के मामले में फेसबुक की याचिका को अमेरिका की एक अदालत ने खारिज कर दिया है। इस मामले में 3500 करोड़ डॉलर का क्लास-एक्शन मुकदमा दायर किया था। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही सुनवाई की जाएगी। यदि फेसबुक केस हारता है तो उसे 70 लाख लोगों को प्रतिव्यक्ति 1000 से 5000 डॉलर जुर्माने के तौर पर देने होंगे।
जानकारी अनुसार अमेरिका की एक अदालत ने फेसबुक की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उस पर इलिनोइस के नागरिकों के फेशियल रिकग्निशन संबंधी डाटा के कथित दुरुपयोग के खिलाफ 3500 करोड़ डॉलर क्लास-एक्शन मुकदमा दायर किया था।
टेकक्रंच की शुक्रवार की रिपोर्ट के अनुसार, सैन फ्रांसिस्को में नौ सर्किट वाले न्यायाधीशों की 3 न्यायाधीशीय पैनल ने फेसबुक की याचिका को खारिज कर दिया है। अब मामले की सुनवाई तभी होगी, जब सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करेगा। मुकदमे में आरोप लगाया है कि इलिनोइस के नागरिकों ने अपलोड किए गए अपने फोटो के फेशियल रिकग्निशन संबंधित स्कैन करने की अनुमति नहीं दी और न ही उन्हें इस बात की जानकारी दी थी कि 2011 में मैपिंग शुरू होने पर डाटा कितनी देर तक सुरक्षित रहेगा।
फेसबुक को 70 लाख लोगों के हिसाब से प्रतिव्यक्ति 1000 से 5000 डॉलर जुर्माने के तौर पर देना होगा, ऐसे में उस पर लगे जुर्माने की राशि 3500 करोड़ डॉलर तक होगी। फेसबुक ने साल 2011 में फेशियल रिकग्निशन संबंधित स्कैन तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया था, जिसमें फेसबुक के यूजर्स से पूछा जाता है कि उनके द्वारा अपलोड की गई तस्वीर में जो लोग टैग किए गए हैं, उन्हें वे जानते हैं या नहीं।
न्यायाधीशों ने कहा कि फेशियल रिकग्निशन संबंधित स्कैन तकनीक लोगों के निजता पर हमला है। वहीं कोर्ट के कागजात के अनुसार, फेसबुक की फेशियल रिकग्निशन तकनीक इलिनोइस के बायोमेट्रिक इंफरेमेशन प्राइवेसी एक्ट (बीआईपीए) का उल्लंघन करता है।
वहीं इस बारे में फेसबुक ने बयान दिया है कि फेसबुक ने हमेशा लोगों को फेस रिकग्निशन तकनीक के उपयोग के बारे में बताया है और उन्हें इसे नियंत्रित करने के बारे में भी बताया गया है। फिलहाल हम अपने पास बचे विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं और अपना बचाव करते रहेंगे।
Created On :   19 Oct 2019 5:45 PM IST