महिला अधिकारों में अफगानिस्तान के समान ड्रैगन,तालिबान की तरह सार्वजनिक जीवन में महिलाओं को भागीदारी नहीं देना चाहता चीन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तालिबान शासित अफगानिस्तान के साथ साथ चीन में भी महिलाओं की आवाज को दबाया जा रहा हैं। आतंक के नाम पर तालिबान के चर्चे तो दुनिया का हर देश करता हैं। लेकिन महाशक्ति के रूप में उभरने की चाहत में ड्रैगन भी सार्वजनिक जीवन, कार्यों में महिलाओं को मानवीय अधिकारों से वंचित कर रहा हैं। इस पर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का ध्यान खींचने की जरूरत हैं।
चीन में महिलाओं की दयनीय स्थिति
विकास की दौड़ में विकसित शक्ति बनने की चमक दमक और बढ़ती अर्थव्यवस्था के आगे दुनिया के देशों का ध्यान चीन की ओर कम ही जाता हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना को सौ साल पूरे होने पर भारत के पड़ोसी देश ड्रैगन चीन से ऐसे आंकडे सामने आए हैं , जिनमें महिलाओं की स्थिति बदतर होने का पता चलता हैं। सीपीसी पार्टी के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर महिला अधिकारों और सत्ता,सार्वजनिक कार्यों में उनकी भागीदारी की चर्चा होने लगी। सियासी शोषण के चलते सियासत ही नहीं सरकारी कार्योलयों और पार्टी में महिलाओं की हिस्सेदारी नगण्य हैं। सामाजिक स्थिति में भी पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं की स्थिति दयनीय हैं। कु़छ समय पहले एक रेस्तरां के बाहर चीनी महिलाऐं और कुछ पुरुष भिड़ गए जिससे चीन में महिलाओं की स्थिति की तस्वीर दुनिया के सामने उजागर हुई।
बूढ़ी मां के गले में जंजीर डालकर घर के बाहर बैठाया
22 जनवरी को चीन से एक दिल दहला देने वाला वीडियो दुनिया के सामने आया, वीडियो में 8 बच्चों की एक बूढ़ी मां के गले में कुत्तों की तरह जंजीर डालकर घर के बाहर शेड में बांध कर रखा गया था। ये भयावह दर्दनाक दृश्य जब दुनिया के सामने आया तो चीनी सरकार इस पीड़ा को खत्म करने के बदले उस दृश्य को दबाने में लग गई। आनन फानन में चीनी सरकार विरोध के स्वर बोलने लगी और उस गांव को तुरंत सील कर दिया और सोशल मीडिया पर चल रही बातों को तत्काल दबाने का प्रयास किया गया। इस सच्चाई को पर्दाफाश करने वाले कई नेटिजन्स को बंधक बनाया गया। अब उस मां के बारे में दुनिया के पास अभी तक कोई जानकारी नहीं हैं। अब किसी को यह मालूम नहीं चल पा रहा है कि वो महिला कहां है।
पार्टी मे महिलाओं की सिर्फ 30 फीसदी हिस्सेदारी
पिछले साल हुए एक राजनैतिक सर्वे के अनुसार चीनी कम्युनिष़्ट पार्टी में महिलाओं की संख्या मात्र 30 फीसदी ही है जो बेहद कम है।
उच्च निकायों में महिला नहीं
साल 1949 के बाद से सीसीपी के सत्ता में आने के बाद से चीन के 7 सदस्य वाली शीर्ष राजनैतिक निकाय में आज तक एक भी महिला को जगह नहीं मिली।
Created On :   5 July 2022 3:39 PM IST