पाक सेना की रिपोर्ट के उलट, बीआरएएस ने बलूचिस्तान में हेलीकॉप्टर गिराने की जिम्मेदारी ली
- हेलीकॉप्टर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और बाद में पूरी तरह से नष्ट हो गया
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना के कथन के विपरीत, बलूच राजी आजोई सेंगर (बीआरएएस) - बलूच सशस्त्र समूहों का एक छाता संगठन ने बलूचिस्तान के विंडार और नूरानी के पहाड़ी इलाकों में सैन्य हेलीकॉप्टर को निशाना बनाने और गिराने की जिम्मेदारी ली है। इससे पहले मंगलवार को वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को लेकर सोमवार रात लापता हुए सैन्य हेलीकॉप्टर का मलबा मिला था और पाकिस्तान सैन्य मीडिया विंग ने दुर्घटना में कम से कम छह अधिकारियों और चालक दल के सदस्यों की मौत की पुष्टि की, जिसका दावा किया गया था कि खराब मौसम के कारण यह दुर्घटना हुई थी।
बीआरएएस के प्रवक्ता बलूच खान ने एक बयान में दावा किया, बीआरएएस के स्वतंत्रता सेनानियों ने पाकिस्तानी सेना के एक कम उड़ान वाले हेलीकॉप्टर को निशाना बनाया। लक्षित हेलीकॉप्टर दारेजी में मूसा गोथ के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बयान में आगे कहा गया, इस हमले में विमानभेदी तोपों का इस्तेमाल किया गया, जिससे हेलीकॉप्टर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और बाद में पूरी तरह से नष्ट हो गया। हमले में विमान में सवार सभी छह सैन्यकर्मी मारे गए। इनमें कोर कमांडर 12 कोर लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज अली, महानिदेशक, तटरक्षक बल के मेजर जनरल अमजद, ब्रिगेडियर खालिद, पायलट मेजर सईद, सह-पायलट तल्हा और चालक दल के प्रमुख नाइक मुदासिर शामिल थे।
यह दावा ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान सशस्त्र बलों की मीडिया शाखा, पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने कहा कि आर्मी एविएशन का एमआई-17 हेलीकॉप्टर बलूचिस्तान में बाढ़ राहत कार्यो की निगरानी के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। आईएसपीआर के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर का मलबा बलूचिस्तान के लासबेला जिले के मूसा गोथ, विंडर में मिला है। आईएसपीआर ने कहा, शुरुआती जांच के अनुसार, दुर्घटना खराब मौसम के कारण हुई।
हालांकि, बीआरएएस के प्रवक्ता का दावा है कि हेलीकॉप्टर को उसके लड़ाकों ने निशाना बनाया था, यह कहते हुए कि लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज अली, जो सैन्य खुफिया महानिदेशक और बलूचिस्तान के दक्षिण में फ्रंटियर कॉर्प्स के महानिरीक्षक बने रहे, बलूच नरसंहार में सीधे तौर पर शामिल थे।
बीआरएएस के बयान में कहा गया है, बलूच राजी आजोई संगर (बीआरएएस) दुश्मन (पाकिस्तानी सेना) के खिलाफ तब तक घातक हमले करता रहेगा, जब तक कि दुश्मन सेना पूरी तरह से वापस नहीं आ जाती और बलूच मातृभूमि की मुक्ति नहीं हो जाती। यह उल्लेख करना उचित है कि बीआरएएस उर्फ बलूच नेशन लिबरेशन कोएलिशन बलूचिस्तान और पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कम से कम चार जातीय अलगाववादी समूहों का छाता संगठन है।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   3 Aug 2022 1:00 PM IST