चीनी दूत की नाटो से अपील : यूक्रेन संकट के बहाने टकराव को बढ़ावा न दें

Chinese envoy appeals to NATO: Ukraine should not encourage confrontation on the pretext of crisis
चीनी दूत की नाटो से अपील : यूक्रेन संकट के बहाने टकराव को बढ़ावा न दें
संयुक्त राष्ट्र चीनी दूत की नाटो से अपील : यूक्रेन संकट के बहाने टकराव को बढ़ावा न दें
हाईलाइट
  • झांग ने कहा
  • यूक्रेन संकट का लगतार बने रहना खेदजनक और चिंताजनक है

डिजिटल डेस्क,  संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि ने नाटो से आग्रह किया है कि वह यूक्रेन संकट को बहाना बनाकर गुटों में टकराव या नए शीतयुद्ध को बढ़ावा न दे। झांग जून ने मंगलवार को यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा, यूक्रेन संकट ने एक बार फिर दुनिया के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने झांग के हवाले से कहा, सुरक्षा अविभाज्य है। सैन्य गठबंधन का विस्तार और अन्य देशों की सुरक्षा की कीमत पर अपनी सुरक्षा की खोज अनिवार्य रूप से दुविधा को जन्म देगी।

झांग ने उल्लेख किया कि शीतयुद्ध के बाद नाटो के पांच पूर्व की ओर विस्तार न केवल यूरोप को सुरक्षित बनाने में विफल रहा है, बल्कि संघर्ष का बीज भी बोया है, जिस पर विचार करने योग्य सबक है। उन्होंने कहा, शीतयुद्ध बहुत पहले खत्म हो गया। नाटो के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी स्थिति और अपनी जिम्मेदारियों पर पुनर्विचार करे, टकराव पर आधारित शीतयुद्ध की मानसिकता को पूरी तरह से त्याग दे और एक संतुलित, प्रभावी और टिकाऊ यूरोपीय सुरक्षा ढांचा बनाने का प्रयास करे।

दूत ने कहा कि चीन नाटो के रणनीतिक समायोजन पर पूरा ध्यान देता है और इसके तथाकथित रणनीतिक अवधारणा के नीतिगत निहितार्थो के बारे में गहराई से चिंतित है। यह उल्लेख करते हुए कि कुछ नाटो नेताओं ने हाल ही में अन्य देशों को एक खतरे के रूप में चित्रित किया है, झांग ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि यह स्वयं नाटो है, जिसने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में परेशानी पैदा की है। उन्होंने कहा, हम नाटो से अपने सबक सीखने का आग्रह करते हैं और दुनियाभर में ब्लॉक टकराव या एक नए शीतयुद्ध को भड़काने के लिए यूक्रेन संकट का उपयोग नहीं करते हैं और एशिया प्रशांत में काल्पनिक दुश्मनों की तलाश नहीं करते हैं या कृत्रिम रूप से विरोधाभास और विभाजन पैदा करते हैं।

झांग ने जोर देकर कहा कि चीन एशिया प्रशांत में नाटो की भागीदारी के लिए या सैन्य गठबंधनों के पीछे नाटो के एशिया प्रशांत संस्करण के लिए कुछ तत्वों का दृढ़ता से विरोध करता है। उन्होंने कहा, एशिया प्रशांत में लंबे समय से चली आ रही शीतयुद्ध की पटकथा को कभी भी दोबारा लागू नहीं किया जाना चाहिए। जिस तरह की उथल-पुथल और संघर्ष दुनिया के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर रहे हैं, उन्हें एशिया प्रशांत में होने नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, प्रशांत देश कड़ी मेहनत से प्राप्त शांति और समृद्धि की सराहना करते हैं और आम विकास और पुनरोद्धार की खोज में पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने की इच्छा रखते हैं।

झांग ने कहा, यूक्रेन संकट का लगतार बने रहना खेदजनक और चिंताजनक है। शांति बहाल करने के लिए बातचीत ही एकमात्र व्यवहार्य तरीका है। उन्होंने कहा, कुछ समय के लिए चीन युद्धविराम का आह्वान करते हुए सभी शांतिप्रिय देशों में शामिल हो गया है। हम शांति वार्ता को बढ़ावा देने और वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए अथक प्रयास करने को प्रतिबद्ध हैं। झांग ने कहा कि चीन रूस और यूक्रेन के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता है और अनाज निर्यात सहित विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उठाए अच्छे कदम का स्वागत करता है।

 

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   29 Jun 2022 5:01 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story