चीन ने कहा, संयुक्त राष्ट्र के प्रयास यूक्रेन के मसले को शांत करने वाले हों

China said, the efforts of the United Nations should be to pacify the issue of Ukraine
चीन ने कहा, संयुक्त राष्ट्र के प्रयास यूक्रेन के मसले को शांत करने वाले हों
रूस-यूक्रेन युद्ध चीन ने कहा, संयुक्त राष्ट्र के प्रयास यूक्रेन के मसले को शांत करने वाले हों
हाईलाइट
  • यूक्रेन में स्थिति को और खराब होने से बचाने के लिए संयम बरतना प्राथमिकता होनी चाहिए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा है कि इस संगठन की तरफ से किए जाने वाले प्रयास यूक्रेन के मसले के निपटारे और इसके राजनयिक समाधान के लिए कारगर होने चाहिए। चीनी प्रतिनिधि झांग जून ने यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के रविवार को संकल्प 2623 को अपनाने के बाद की है। इसमें संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपातकालीन विशेष सत्र में यूक्रेन संकट पर सामूहिक कार्रवाई पर विचार और सिफारिश करने का आह्वान किया गया था।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पहला ऐसा प्रस्ताव है जिसे परिषद ने चार दशकों में अपनाया है। झांग ने कहा, हमारा मानना है कि यूक्रेन में स्थिति को और खराब होने से बचाने के लिए सभी पक्षों की तरफ से संयम बरतना अब प्राथमिकता होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि चीन यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी राजनयिक प्रयासों का समर्थन करता है और रूस एवं यूक्रेन के बीच जल्द से जल्द सीधी बातचीत का स्वागत करता है।

उन्होंने कहा, चीन यूरोपीय सुरक्षा मुद्दों पर समान रूप से बातचीत करने और अविभाज्य सुरक्षा के सिद्धांत को कायम रखने में यूरोपीय पक्ष तथा रूस का भी समर्थन करता है, ताकि एक संतुलित, प्रभावी और टिकाऊ यूरोपीय सुरक्षा तंत्र का निर्माण किया जा सके।

राजदूत ने कहा, चीन का मानना है कि सुरक्षा परिषद को क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सभी देशों की सार्वभौमिक सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए तथा यूक्रेन मुद्दे को सुलझाने में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। अल्बानिया और अमेरिका द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के मसौदे को 11 सदस्यों का समर्थन प्राप्त हुआ लेकिन रूस ने नकारात्मक वोटिंग की थी, जबकि चीन, भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। संयुक्त राष्ट्र की15 सदस्यीय परिषद द्वारा लाया गया यह मतदान प्रक्रियात्मक था, इसलिए रूस इसमें अपने वीटो अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता था।

(आईएएनएस)

Created On :   28 Feb 2022 3:30 PM IST

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