बच्चों को पुस्तकें पढ़ने के साथ अभ्यास करना चाहिए
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। 2 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस है। क्योंकि यह तारीख विश्व प्रसिद्ध डेनिश परी कथा के लेखक हैंस क्रिश्चियन एंडरसन का जन्मदिन है। इसलिये वर्ष 1967 में अंतर्राष्ट्रीय बाल पुस्तक संघ ने 2 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस मनाने का फैसला किया। ताकि लोगों को पुस्तक पढ़ने का शौक पैदा करने और बाल पुस्तकों पर लोगों के ध्यान को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
बताया जाता है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का सबसे बड़ा शौक तो किताबें पढ़ना है, जो उनके जीवन में एक बहुत महत्वपूर्ण भाग बन गया है। चाहे वे प्राचीन पुस्तकें हों या आधुनिक किताबें, चाहे वे चीनी पुस्तकें हों या विदेशी किताबें, शी चिनफिंग को सभी तरह की पुस्तकें पढ़ना पसंद है। साथ ही उन्होंने कई मौकों पर भाषण देकर पुस्तक पढ़ने के महत्व पर भी बल दिया, और पूरे समाज में खास तौर पर बच्चों से ज्यादा से ज्यादा पुस्तकें पढ़ने का आह्वान किया।
चीन में एक प्राचीन कहावत यह है कि हजारों पुस्तकें पढ़ने के साथ हजारों मील की यात्रा भी करनी चाहिये। इसका मतलब यह है कि लोगों को पुस्तकों में प्राप्त ज्ञान को वास्तविक जीवन में प्रयोग करना चाहिये। साथ ही अभ्यास करने के दौरान शायद नया ज्ञान भी प्राप्त होगा। हालांकि यह एक प्राचीन कहावत है, लेकिन इसमें शामिल सिद्धांत आज के समाज के भी अनुकूल है। इसलिये चीन में बच्चों को पुस्तकें पढ़ने के साथ अभ्यास करने का प्रोत्साहन दिया जाता है।
(आईएएनएस)
Created On :   31 March 2022 8:30 PM IST