ऋषि सुनक के लिए चुनौतियां बढ़ी

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
लिज ट्रस ने ऋषि सुनक के खिलाफ मोर्चा खोला ऋषि सुनक के लिए चुनौतियां बढ़ी

डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटिश इतिहास में सबसे कम अवधि तक प्रधानमंत्री के रूप में काम करने वाली लिज ट्रस ने रविवार को अपने उत्तराधिकारी ऋषि सुनक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। द संडे टेलीग्राफ अखबार में 4,000 शब्दों के एक लेख में उन्होंने सुनक द्वारा निगम कर को 19 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने को आर्थिक रूप से हानिकारक बताया। उन्होंने लिखा - वर्तमान प्रधानमंत्री की अर्थव्यवस्था को संभालने की एक अचूक आलोचना में कि वह खुद प्रधानमंत्री के रूप में चीजों को बदलना चाहती थीं।

ट्रस ने कहा कि 45 बिलियन पाउंड के अनफंडेड मिनी-बजट के बाद ब्रिटेन में आर्थिक संकट आया, लेकिन अब सुनक के कार्यकाल में देश मंदी की चपेट में आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया: मुझे राजनीतिक समर्थन की कमी के साथ-साथ एक शक्तिशाली आर्थिक प्रतिष्ठान द्वारा अपनी नीतियों को लागू करने का मौका नहीं दिया गया। ट्रस ने आने वाले दिनों और सप्ताहों में भाषण देने की योजना बनाई है ताकि सुनक की नीतियों के विरोध को तेज किया जा सके, जिसमें चीन के प्रति उनका ²ष्टिकोण भी शामिल है। वह कहेंगी कि बीजिंग ब्रिटेन के लिए खतरा है, जहां सुनक ने इसके प्रति अपनी नीति को मजबूत व्यावहारिकता के रूप में परिभाषित किया है। ट्रस संसद की सदस्य बनी हुई हैं।

उधर बोरिस जॉनसन, जो प्रधानमंत्री के रूप में ट्रस से पहले थे, फिर से दौड़ में शामिल होने के लिए जोरदार प्रयास कर रहे हैं। बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री में, उन्होंने दावा किया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें मिसाइल हमले की धमकी दी थी। उन्होंने बताया: उन्होंने (पुतिन) एक समय मुझे धमकी दी और कहा, बोरिस, मैं तुम्हें चोट नहीं पहुंचाना चाहता, लेकिन मिसाइल हमले में केवल एक मिनट लगेगा। क्रेमलिन के एक प्रवक्ता ने यह कहते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की कि यह सब झूठ है।

22 जनवरी को जॉनसन ने यूक्रेन का औचक दौरा किया और वहां के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। एक पत्रिका ने टिप्पणी की: पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री के यूक्रेन जाने के वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किए जाने के बाद बोरिस जॉनसन रविवार को फिर से सुर्खियों में आ गए। जॉनसन की यात्रा को कथित तौर पर ब्रिटिश दूतावास के माध्यम से व्यवस्थित नहीं किया गया था और इसे सुनक को कमजोर करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।

 

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   5 Feb 2023 5:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story