चीन के खिलाफ भारत का साथ देंगे ऋषि सुनक! शपथ लेने के बाद उठा सकते हैं ये बड़ा कदम
डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटेन में जारी सियासी उठापटक का अंत हो गया है। ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। 42 साल की उम्र में सुनक ब्रिटेन के पीएम की कुर्सी पर बैठकर इतिहास रच दिया है।कंजरवेटिव पार्टी के 357 सांसदों में से आधे से अधिक सांसदों ने उनका समर्थन किया। पार्टी का नेता बनने के लिए ऋषि सुनक को कम से कम 100 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी। भारत में भी लोग ऋषि सुनक के पीएम बनने पर खुशियां मना रहे हैं। इसके पीछे की वजह है कि ऋषि सुनक भारतीय मूल के ब्रिटेन के पीएम बने हैं। सुनक का भारत के साथ काफी अच्छा रिश्ता रहा है।
अब सुनक के पीएम बनने के बाद ये तय माना जा रहा है कि भारत के साथ ब्रिटेन का संबंध और भी बेहतर होगा। खासकर, सुनक के उस बयान की अब चर्चा होने लगी है, जो कुछ दिन पहले भारत के पड़ोसी देश चीन को लेकर दिया था। जब सुनक पहली बार लिज ट्रस के सामने ब्रिटेन के पीएम पद का चुनाव लड़ रहे थे। तब उन्होंने बड़ा खुलासा किया था, ऋषि सुनक ने दावा किया था कि चीन दुनियाभर के लिए खतरा बन गया है।गौरतलब है कि उस दरम्यान पूर्व पीएम लिज ट्रस ने ऋषि सुनक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि सुनक चीन पर कमजोर रूख अपना रहे हैं। जिसके जवाब में सुनक ने पलटवार करते हुए कहा कि चीन दुनिया के लिए बड़ा खतरा है और पीएम बनने पर वह कौन-कौन सा एक्शन लेंगे, उसके बारे में भी बताया था।
पीएम बनने पर ये काम करेंगे सुनक
ऋषि सुनक ने लिज ट्रस के आरोपों पर चीन को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी और जमकर हमला बोला था। उन्होंने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा था कि चीन जिस तरह से अमेरिका और भारत जैसे देशों को निशाना बना रहा है। ये दुनियाभर के देशों के लिए खतरा बन रहा है। उसकी नीति स्पष्ट दिखाई भी दे रही है।
सुनक ने कहा था कि वर्तमान में चीन नई-नई तकनीक के जरिए दूसरे देशों के काम में दखलंदाजी कर रहा है। इससे निपटने के लिए सुनक ने नाटो जैसे संगठन की तरह ही एक और संगठन बनाने की बात की थी। सुनक ने ये भी बताया था कि स्वतंत्र देशों के लिए एक ऐसा संगठन खड़ा किया जाएगा जो चीन के मंसूबों पर पानी फेरने का काम करेगा।
चीन पर सुनक ने लगाया था गंभीर आरोप
ब्रिटेन के नए पीएम ऋषि सुनक ने चीन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि चीन लंबे समय से ब्रिटेन की टेक्नोलॉजी की चोरी कर रहा है। यहां तक कि सुनक ने बताया था कि चीन देश में चल रहे विश्वविद्यालयों में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। चीन ताइवान जैसे देशों को डरा रहा है, उस पर गैरकानूनी तरीके से अधिकार जमा रहा है। हांगकांग में मानवाधिकार का उल्लंघन कर रहा है।
चीन की विस्तारवादी नीति को भी सुनक ने खतरा बताया और कहा कि चीन कई देशों को कर्ज तले दबाने का काम कर रहा है। फिर उनकी संपत्ति को हथियाने पर जोर दे रहा है। उन्होंने बताया कि अगर वो पीएम बनते हैं तो देश में चल रहे 30 Confucius Institues को तत्काल बंद कर देंगे। जिसका संचालन चीन की तरफ से किया जा रहा है। चीन पर आरोप है कि इस संस्थान के जरिए चीन अपना प्रोपेगेंडा फैलाता है।
Created On :   25 July 2022 6:35 PM IST