Lebanon: 19वीं सदी के जिस पैलेस ने दो वर्ल्ड वॉर देखे, वो स्प्लिट सेकंड में तबाह हो गया, देखें तस्वीरें
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डिजिटल डेस्क, बेरूत। लेबनान की राजधानी बेरूत में 160 साल पुराने महल ने दो वर्ल्ड वॉर, ओटोमन अंपायर के पतन, फ्रेंच मैंडेट और लेबनीज इंडिपेंडेंस को देखा। देश के 1975-1990 के सिविल वॉर के बाद परिवार को महल को वापस उसके वैभव में लाने के लिए 20 साल लग गए। लेकिन, स्प्लिट सेकंड में सब कुछ फिर से नष्ट हो गया। बेरूत के लैंडमार्क सरसॉक पैलेस के मालिक रोडरिक सरसॉक ने ये बात कही। बता दें कि सरसॉक पैलेस लेबनान की राजधानी में सबसे अधिक मंजिला इमारतों में से एक है।
हाल ही में बेरूत में हुए विस्फोट में 200 के करीब लोग मारे गए। लगभग 6,000 लोग घायल हो गए और हजारों रेसिडेंशियल बिल्डिंग और ऑफिस क्षतिग्रस्त हो गए। कई हेरिटेज बिल्डिंग, पारंपरिक लेबनानी घर, म्यूजियम और आर्ट गैलरियों को इस विस्फोट से क्षति पहुंची। सरसॉक पैलेस भी विस्फोट से बच नहीं पाया और इसकी ऊपर की मंजिल की छत पूरी तरह से तबाह हो गई। कुछ दीवारें भी ढह गई। रोडरिक सरसॉक ने कहा कि बेरुत के बंदरगाह पर हुआ ब्लास्ट 15 साल पहले हुए सिविल वॉर की तुलना में 10 गुना खराब है।
सरसॉक पैलेस को 1860 में बेरूत में एक पहाड़ी पर बनाया गया था। इसमें ओटोमन-एरा का फर्नीचर, इटली की खूबसूरत पेंटिंग्स और मार्बल है। सरसॉक फैमिली की तीन पीढ़ियों ने इसे जमा किया है। ग्रीक ऑर्थोडॉक्स फैमिली, मूल रूप से बीजान्टिन की राजधानी कांस्टेंटिनोपल की है। इसे अब इस्तांबुल के नाम से जाना जाता है। 1714 में ये परिवार बेरूत में बस गया था। तीन मंजिला हवेली बेरूत में एक ऐतिहासिक स्थल रहा है। इसके विशाल बगीचे के साथ, यह वर्षों में अनगिनत शादियों, कॉकटेल पार्टियों और रिसेप्शन का स्थान रहा है।
रोडरिक सरसॉक ने कहा, पैलेस इतना क्षतिग्रस्त हो गया है कि इसको दोबारा उसके पुराने स्वरूप में लाने में काफी समय लगेगा और पैसा भी खर्च होगा। सरसॉक कहते हैं कि अब इसे रिस्टोर करने का कोई मतलब नहीं है - कम से कम तब तक नहीं जब तक देश अपनी राजनीतिक समस्याओं को ठीक नहीं करता। उन्होंने गुस्से में कहा, "हमें देश में पूरी तरह से परिवर्तन की आवश्यकता है, देश को भ्रष्ट लोगों की गैंग चला रही है।" सरसॉक ने कहा विस्फोट से नुकसान के बावजूद, वह लेबनान में रहेंगे, जहां उन्होंने अपना पूरा जीवन जिया है।
Created On :   10 Aug 2020 5:51 PM IST