बांग्लादेश: एक ट्रांसजेंडर ने पहली बार टीवी पर समाचार पढ़ा, कहानी जान कर भर आएंगी आपकी भी आंखें 

Bangladesh: A transgender reads news on TV for the first time
बांग्लादेश: एक ट्रांसजेंडर ने पहली बार टीवी पर समाचार पढ़ा, कहानी जान कर भर आएंगी आपकी भी आंखें 
बांग्लादेश: एक ट्रांसजेंडर ने पहली बार टीवी पर समाचार पढ़ा, कहानी जान कर भर आएंगी आपकी भी आंखें 

डिजिटल डेस्क, ढाका। तश‍नुवा अनान शिशिर, ये नाम है बांग्लादेश की पहली ट्रांसजेंडर न्यूज एंकर का। 29 साल की तशनुवा ने सोमवार को एक निजी टीवी चैनल पर 3 मिनट का समाचार पढ़ा। तश‍नुवा ने बांग्लादेश की आजादी के 50वें वर्ष में जब पहली बार न्यूज पढ़ी तो ये पल देश और खुद तश‍नुवा के लिए यादगार बन गया। 

जब न्यूज खत्म हुई तो तश‍नुवा की आंखों में खुशी के आंसू थे। उन्होंने कहा कि वो अंदर से पूरी तरह से हिली हुई थीं। लेकिन, एक बार बुलेटिन खत्म हुआ तो उन्हें बहुत अच्‍छा लगा। इस पल ने उनके हौसले और आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम किया है और वो बेहद खुश हैं। तशनुवा ने कहा कि मैं अपनी पढ़ाई और करियर को लेकर प्रतिबद्ध थी। आज मुझे वो प्लेटफॉर्म मिल गया।

शिशिर को मानसिक प्रताड़ना और यौन हिंसा का शिकार होना पड़ा था
शिशिर ने यह भी कहा कि उन्हें भी मानसिक प्रताड़ना और यौन हिंसा का शिकार होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने भी उनसे बातचीत बंद कर दी थी। अपने घर से भागकर वो राजधानी ढाका में अकेले रहने लगीं, लेकिन अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। उन्होंने पब्लिक हेल्थ में एमए किया। उन्होंने कई टीवी चैनल में काम करने के लिए आवेदन दिया, लेकिन सिर्फ बैशाखी नाम के एक निजी टीवी चैनल ने उन्हें न्यूज एंकर की नौकरी दी।

समाचार पढ़ने के बाद वह भावुक हो गई और रोने लगी
चैनल के प्रवक्ता ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है और अपने कुछ दर्शकों की नाराजगी का खतरा उठाते हुए चैनल उन्हें मौका देने के लिए प्रतिबद्ध था। समाचार पढ़ने के बाद वो भावुक हो गईं और रोने लगीं। 

दो फिल्मों में भी काम करने वाली है शिशिर
तशनुवा ने कहा कि एक बचपन में 1उन्हें बहुत गुस्सा आता था कि वो ऐसी क्यों हैं, लेकिन अब उन्हें अब इस बात पर गर्व है कि वो एलजीबीटी बिरादरी से ऐसा करने वाली पहली व्यक्ति हैं। शिशिर दो फिल्मों में भी काम करने वाली हैं।

खबर में खास

  • बता दें कि बांग्लादेश में करीब 15 लाख ट्रांसजेंडर हैं और हिंसा और भेदभाव के शिकार होते हैं। 
  • गुजारा करने के लिए उनमें से तो कई भीख मांगने या यौनकर्मी की तरह काम करने के लिए मजबूर हैं। 
  • 2013 में बांग्लादेश की सरकार ने ट्रांसजेंडर को एक अगल कैटगरी की पहचान दी और 5 साल के बाद उन्हें वोट देने का अधिकार भी मिल गया।

Created On :   9 March 2021 10:53 PM IST

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