अमेरिका को चीन के लिए चलाए गए अनुचित व्यापार व्यवहार को बदलने में सफलता नहीं मिली, अमेरिका को हुआ घाटा
- अमेरिका में बढ़ी महंगाई
- बाजार में चीनी चीजों की कमी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका की ओर से चीन के खिलाफ शुरू हुए व्यापार युद्ध से भारी नुकसान अमेरिकीय उपभोक्ताओं को उठाना पड़ा। 2018 में अमेरिका के तत्कालीन डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयात होने वाली 300 बिलियन डॉलर की वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क बढ़ाया था। जिससे अमेरिका में चीन की वस्तुओं का बाजार घट गया था। जिससे अधिक नुकसान अमेरिका को हुआ है , इसकी पुष्टि अब अमेरिका के इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन (यूएसआईसी) ने की है। यूएसआईटीसी के आयुक्त जेसॉन कीर्न्स ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन के कदम से चीन के ‘अनुचित व्यापार व्यवहार’ को बदलने में सफलता नहीं मिली।
ट्रेड कमीशन में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के सदस्य शामिल रहते हैं। इनमें दोनों दलों- डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों शामिल होते है। आयोग ने ट्रेड वॉर को 'सेल्फ इन्फ्लिक्टेड हार्म' (खुद को पहुंचाई गई चोट) बताया है।
यूएसआईसी ने अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़े असर की स्टडी की है। रिपोर्ट के बाद आयोग ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के फैसले के कारण चीन से आयातित ज्यादातर चीजों के दाम बढ़ गए। उनमें कंप्यूटर उपकरण, सेमीकंडक्टर, फर्नीचर और ऑडियो-वीडियो उपकरण शामिल हैं। इन चीजों की कीमत में 2021 तक 25 फीसदी बढ़ोतरी हो चुकी थी। आंकड़ों के मुताबिक जिन वस्तुओं पर शुल्क लगाया गया, 2017 में उनका अमेरिका ने 311 बिलियन डॉलर का आयात किया था। 2021 में यह आयात 265 बिलियन डॉलर का रह गया। मगर इससे बाजार में चीजों की कमी हो गई और उसका नतीजा महंगाई के रूप में सामने आया।
अमर उजाला की खबर के मुताबिक ब्रिटिश पत्रिका द इकॉनमिस्ट से जुड़ी इकॉनमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के विशेषज्ञ निक मारो ने अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा- अमेरिका में लगाए गए शुल्कों से चीन को अपना आर्थिक मॉडल बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सका है। ना ही उससे चीन के साथ कारोबार करने में कारोबारियों के रास्ते में आने वाली कई रुकावटें दूर हुई हैं। उन्होंने कहा- ‘हमने अगर कुछ होते देखा है, तो वो यह है कि चीन ने अपनी उन नीतियों में और ताकत झोंक दी है।
ट्रंप के फैसले से उपभोक्ताओं की अपेक्षा उन लोगों पर अधिक प्रभाव पड़ा जो इन चीजों के वास्तविक खरीददार थे। इस संदर्भ मे सिंगापुर स्थित आईएसईएएस-युसूफ इशाक इंस्टीट्यूट में सीनियर फेलॉ जयंत मेनन ने साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट से कहा- ‘अमेरिकी शुल्कों का वास्तविक प्रभाव ना तो आयातकों पर हुआ, और ना ही निर्यातक पर। बल्कि इससे वे लोग प्रभावित हुए, जो इन चीजों के खरीदार हैं।’
Created On :   18 March 2023 5:14 PM IST