अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस स्पेस की यात्रा कर वापस लौटे, जानिए नई स्पेस रेस में कौन सबसे आगे?

Amazon founder Jeff Bezos is going to space today
अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस स्पेस की यात्रा कर वापस लौटे, जानिए नई स्पेस रेस में कौन सबसे आगे?
अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस स्पेस की यात्रा कर वापस लौटे, जानिए नई स्पेस रेस में कौन सबसे आगे?
हाईलाइट
  • अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की स्पेस यात्रा
  • इससे पहले वर्जिन गैलेक्टिक के फाउंडर रिचर्ड ब्रेनसन ने स्पेस की यात्रा की थी
  • स्पेस रेस के मुकाबले में कौन आगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस मंगलवार को स्पेस की यात्रा कर वापस पृथ्वी पर लौट आये। बेजोस के साथ उनके भाई मार्क, 82 साल की वैली फंक और 18 साल के ओलिवर डेमेन भी गए थे। बेजोस की स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड रॉकेट ने वेस्ट टेक्सास के रेगिस्तान से भारतीय समयानुसार शाम 6:42 बजे उड़ान भरी। इसके लिए सभी यात्री लॉन्च से 45 मिनट पहले ऑन-बोर्ड हो गए थे। करीब 3 मिनट की फ्लाइट के बाद न्यू शेपर्ड रॉकेट से बेजोस का कैप्सूल अलग हुआ और स्पेस में आगे बढ़ा। 4 मिनट उड़ान भरने के बाद वह 100 किमी ऊपर यानी कारमन लाइन को पार कर गया। इस दौरान यात्रियों ने वेटलेसनेस महसूस की। इसी के साथ कैप्सूल ने जमीन पर लौटने की शुरुआत की। 11 मिनट की फ्लाइट के बाद कैप्सूल पैराशूट की मदद से रेगिस्तान में उतरा। इस दौरान फर्स्ट स्टेज में सेपरेट हुआ रॉकेट भी धरती पर लौट आया।

 

 

आज से ठीक 52 साल पहले 1969 में एस्ट्रोनॉट्स माइकल कोलिंस, नील आर्मस्ट्रॉन्ग और बज एल्ड्रिन स्पेस में गए थे। इसी वजह से उन्होंने इस मिशन के लिए इस दिन को चुना था।  न्यू शेपर्ड के कैप्सूल में 6 सीटें हैं। हालांकि इसमें 4 ही लोग सवार थे। बेजोस इसके जरिए लोगों को स्पेस में भेजना चाहते हैं। इससे पहले वर्जिन गैलेक्टिक के फाउंडर रिचर्ड ब्रैंनसन ने स्पेस की यात्रा की थी। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं नई स्पेस रेस के बारे में। 

17 जुलाई, 1975 को खत्म हुई थी पहली स्पेस रेस
17 जुलाई, 1975। संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ ने पहला जॉइंट स्पेस मिशन भेजा। अपोलो-सोयुज टेस्ट प्रोजेक्ट के तहत दोनों देशों के स्पेस क्राफ्ट को ऑर्बिट में एक साथ डॉक किया गया। दो दिनों के दौरान, नासा और सोवियत एस्ट्रोनॉट्स ने कई साइंटफिक एक्सपेरिमेंट किए। आधिकारिक तौर पर ये अमेरिका और सोवियत संघ के बीच 1957 में स्पुतनिक के लॉन्च के साथ शुरू हुई स्पेस रेस का अंत था। फिर आया 2000 का दशक और शुरू हुई एक नई रेस... देशों के बीच नहीं बल्कि प्राइवेट प्लेयर्स के बीच। स्पेस एक्स के फाउंडर एलन मस्क, अमेजन के मालिक जेफ बेजोस और ब्रिटिश एंटरप्रेन्योर रिचर्ड ब्रैनसन जैसे अमीरों के बीच।

जेफ बेजोस, एलोन मस्क और रिचर्ड ब्रैनसन की नेट वर्थ 400 बिलियन डॉलर है, जो मोटे तौर पर आयरलैंड के जीडीपी के साइज जितनी है। तीनों बिलियनर्स ने अपने स्पेस ट्रैवल के सपनों को पूरा करने के लिए अपनी वेल्थ का एक बड़ा हिस्सा इसमें लगाया है, जिसने एक मॉडर्न स्पेस रेस को जन्म दिया है। हालांकि तीनों अरबपतियों की स्थापित स्पेस कंपनियों के लक्ष्य थोड़े अलग हैं। हालांकि ये तीनों ही इस खेल के एकमात्र खिलाड़ी नहीं हैं। दुनिया में सैकड़ों ऐसे स्पेस स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं जो सैटेलाइट टेक्नोलॉजी से लेकर ऑर्बिट में घूमने वाले होटल तक पर अपना फोकस कर रहे हैं।   

इस मॉडर्न डे रेस की शुरुआत में लोगों की ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी। लेकिन जब जेफ बेजोस ने 10 जून 2021 को ऐलान किया कि वो अपोलो-11 के लैडिंग वाले दिन स्पेस में जाएंगे... तो पूरी दुनिया की नजरे इस पर टिक गई। लेकिन इससे पहले की जेफ बेजोस स्पेस में ट्रैवल कर इतिहास रचते... वर्जिन गैलेक्टिक के फाउंडर रिचर्ड ब्रैनसन ने 11 जुलाई 2021 को आउटर स्पेस में जाकर इस उपलब्धि को हासिल कर लिया। लेकिन कौन सा अरबपति वास्तव में इस तथाकथित स्पेस रेस को जीत रहा है? यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे देखते हैं।

एलन मस्क
एलन मस्क ने अपनी कंपनी स्पेस एक्स की स्थापना 2002 में की थी। मस्क का सपना लोगों को चांद और मंगल ग्रह पर पहुंचाने का हैं। मस्क ने अपना सबसे पहला रॉकेट फाल्कन 1 साल 2006 में लॉन्च किया था। इसके बाद 2009 में मिली एक बड़ी सफलता। मस्क ने दुनिया का पहला रियूजेबल रॉकेट फाल्कन 9 लान्च किया। फाल्कन 9 एक रियूजेबल टू स्टेज रॉकेट है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये लोगों और पेलोड को पृथ्वी की कक्षा और उससे आगे तक ले जा सके। फाल्कन 9 ने लॉन्च पर होने वाले खर्च को काफी हद तक कम कर दिया है। 

मस्क का तीसरा रॉकेट है फाल्कन हेवी। इसे पहली बार साल 2018 में लॉन्च किया गया था। ये रॉकेट दुनिया का सबसे शक्तिशाली ऑपरेशनल रॉकेट है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये लगभग 64 मीट्रिक टन भार को ऑर्बिट में पहुंचा सकता है। बोइंग के डेल्टा IV हेवी रॉकेट की तुलना में ये दोगुने से ज्यादा पेलोड को उठा सकता है वो भी एक तिहाई कॉस्ट पर। फाल्कन हेवी तीन फाल्कन 9 नाइन-इंजन कोर से बना है, जिनके 27 मर्लिन इंजन एक साथ... लिफ्ट ऑफ़ पर 5 मिलियन पाउंड से अधिक का थ्रस्ट जनरेट करते हैं, जो लगभग अठारह 747 एयरक्राफ्ट के बराबर है।

स्पेसएक्स ने ड्रैगन स्पेस क्राफ्ट भी डेवलप किया है, जो सात पैसेंजर्स को स्पेस में ले जा सकता है और वापस ला सकता है। 2020 में ये स्पेस क्राफ्ट सबसे पहले एस्ट्रोनॉट डग हर्ले और रॉबर्ट बेकन को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ले गया था। यह वर्तमान में उड़ान भरने वाला एकमात्र अंतरिक्ष यान है जो पृथ्वी पर सिग्निफिकेंट अमाउंट में कार्गो वापस लाने में सक्षम है। यह पहला प्राइवेट स्पस क्राफ्ट भी है जो मनुष्यों को स्पेस स्टेशन ले जाता है। इसके साथ मस्क ने नासा के साथ कॉन्ट्रेक्ट किया है। मस्क के इस कॉन्ट्रेक्ट से पहले एस्ट्रोनॉट्स को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ले जाने और वापस लाने के लिए रूस के सोयूज़ स्पेसक्राफ्ट का उपयोग किया जा रहा था। स्पेसएक्स ने इंटरनेट-बीमिंग सैटेलाइट का एक कॉन्स्टेलेशन भी बनाया है।

स्पेसएक्स ने फाल्कन 9 और फाल्कन हेवी के सक्सेसर सुपर हेवी-स्टारशिप सिस्टम की भी घोषणा की है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये लोगों और कार्गों दोनों को अर्थ की ऑर्बिट, मून, मार्स और उसके भी आगे ले जा सके। स्टारशिप दुनिया का अब तक विकसित सबसे शक्तिशाली लॉन्च व्हीकल होगा, जिसमें 100 मीट्रिक टन से अधिक भार को पृथ्वी की कक्षा में ले जाने की क्षमता होगी। स्टारशिप स्पेस क्राफ्ट और सुपर हेवी रॉकेट मिलकर एक रियूजेबल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम बनाते हैं जो ऑर्बिट में रिफ्यूलिंग करने में सक्षम है। ये सिस्टम मार्स की सरफेस पर मौजूद नेचुरल H2O और CO2 के रिसोर्सेज से खुद को रिफ्यूल भी कर सकते हैं।

इंसानों को मंगल ग्रह पर भेजने की प्रोसेस की बात करें तो सुपर हेवी बूस्टर के साथ स्टारशिप को लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद बूस्टर अलग हो जाएगा और पृथ्वी पर लौट आएगा। स्टारशिप जब अर्थ के ऑर्बिट में पहुंच जाएगा तो पृथ्वी से एक रिफिलिंग टैंकर लॉन्च होगा। ये टैंकर स्टारशिप से डॉक हो जाएगा और रिफिलिंग के बाद वापस पृथ्वी पर लौट आएगा। एक बार जब स्टारशिप पूरी तरह से रिफ्यूल हो जाएगा तो, यह पृथ्वी की ऑर्बिट से मंगल की अपनी यात्रा शुरू करेगा। 

स्टारशिप मंगल के वायुमंडल में 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से प्रवेश करेगा और फिर धीमा हो जाएगा। इस व्हीकल की हीट शील्ड को कई मल्टीपल एंट्री के लिए डिज़ाइन किया गया है। मंगल पर लैंडिंग के बाद स्टारशिप को ग्रह पर मौजूद H20 और CO2 की मदद से रिफ्यूल किया जाएगा। रिफ्यूलिंग के बाद स्टारशिप पृथ्वी पर लौट आएगा।

जेफ बेजोस
जेफ बेजोस ने अमेजन को शुरू करने के 6 साल बाद 2000 में अपनी स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन की स्थापना की थी। वर्षों तक ये कंपनी पूरी गोपनीयता से काम करती रही। लेकिन अब इसके लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट हैं। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बेजोस लोगों को ऑर्बिट में स्पेस कॉलोनीज बसाकर वहां रहने और वर्क करने के लिए भेजना चाहते हैं ताकि पृथ्वी पर उर्जा संकट हो तो मानव जीवन का विस्तार किया जा सके। बेजोस ने ब्लू ओरिजिन की शुरुआत सस्ते रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए की है जो एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल हाउसिंग के लिए जरूरी है। कंपनी ने लूनर लैंडर की योजना भी तैयार की है। ब्लू ओरिजन का नासा और दूसरी कंपनियों के साथ मून बेस स्थापित करने का प्लान है।

न्यू शेपर्ड - ब्लू ओरिजिन का पूरी तरह से ऑटोनॉमस, रियूजेबल, सबऑर्बिटल रॉकेट है। कंपनी का मून लैंडर टेक्नोलॉजी बनाने की दिशा में यह प्रारंभिक कदम था। कंपनी को इससे यह सीखने में मदद मिली कि चंद्रमा पर एक छोटे से अंतरिक्ष यान को सुरक्षित रूप से कैसे उतारा जाए। लेकिन कंपनी ने अपने न्यू शेपर्ड व्हीकल को एक सबऑर्बिटल स्पेस टूरिज्म बिजनेस में भी शामिल किया है। 20 जुलाई 2021 को बेजोस और तीन अन्य एस्ट्रोनॉट ने स्पेस में ट्रैवल कर इसकी शुरुआत की।

ब्लू ओरिजिन अपने न्यू ग्लेन रॉकेट पर भी काम कर रहा है। एस्ट्रोनॉट जॉन ग्लेन के नाम पर इसे रखा गया है। न्यू ग्लेन एक सिंगल कॉन्फिगुरेशन हैवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल है जो लोगों और पेलोड को नियमित रूप से पृथ्वी की कक्षा और उससे आगे ले जाने में सक्षम होगा। न्यू ग्लेन एक रियूजेबल फर्स्ट स्टेज रॉकेट है जो 25 मिशनों के लिए बनाया गया है। ये रॉकेट स्पेस के लिए एक रोड का निर्माण करेगा। न्यू ग्लेन की 7-मीटर फेयरिंग में किसी भी मौजूदा लॉन्च व्हीकल की तुलना में 2 गुना अधिक यूजेबल वॉल्यूम है। न्यू ग्लेन 13 मीट्रिक टन से अधिक के पेलोड को जियोस्टेशनरी ट्रास्फर ऑर्बिट में और 45 मीट्रिक टन के पेलोड को लोअर अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च करने में सक्षम है।

ब्लू ओरिजिन अपने मून लैंडर ब्लू मून पर भी काम कर रहा है। ब्लू मून एक फ्लैक्सिबल लैंडर है जो चंद्रमा की सतह पर छोटे, मीडियम और बड़े पेलोड को पहुंचा सकता है। चाहे कार्गो हो या क्रू, प्रिसाइज और सॉफ्ट लैंडिंग की इसकी क्षमता चंद्रमा पर निरंतर मानव उपस्थिति को सक्षम करेगी। इस स्पेसक्राफ्ट के कार्गो लैंडर वैरिएंट को लूनर सरफेस पर विभिन्न प्रकार के पेलोड की कम लागत में डिलीवरी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके जरिए कॉन्फ़िगरेशन और मिशन के आधार पर, बड़े रोवर्स, हैबिटाट्स और एस्सेंट स्टेजेज से लेकर चंद्रमा पर कई मीट्रिक टन पेलोड उतारा जा सकेगा। 

जेफ बेजोस ने भी स्पेसएक्स के स्टारलिंक की तरह इंटरनेट-बीमिंग सैटेलाइट का एक कॉन्स्टेलेशन बनाने की योजना की घोषणा की है। यहीं वजह है कि एलन मस्क कई बार जेफ बेजॉस पर कॉपी कैट होने का आरोप लगाते रहे हैं।

रिचर्ड ब्रैनसन
ब्रिटिश एंटरप्रेन्योर रिचर्ड ब्रैनसन ने साल 2004 में वर्जिन गैलेक्टिक की स्थापना की थी। वर्जिन गैलेक्टिक का भी ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड की ही तरह का बिजनेस प्लान है... ग्राहकों को अंतरिक्ष की सैर कराना। वर्जिन गैलेक्टिक की तकनीक काफी अलग है। ब्लू ओरिजिन और स्पेसएक्स रियूजेबल रॉकेटों की मदद से ग्राउंड से ऑटोमेटेड कैप्सूल को लॉन्च करते हैं। जबकि इसके विपरीत वर्जिन गैलेक्टिक विंग वाले स्पेस शिप का उपयोग करता है जिसे एक एयरप्लेन की बैली से लॉन्च किया जाता है। इसके लिए पायलटों के एक पेयर की आवश्यकता होती है। 

हालांकि वर्जिन गैलेक्टिक को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कई बड़ी बाधाओं का सामना करना पड़ा है। 2014 में कंपनी के स्पेसशिप टू की टेस्ट फ्लाइट के दौरान एक दुखद दुर्घटना में एक को-पायलट की मौत हो गई थी। कई तकनीकी कठिनाइयों का भी ब्रैनसन को सामना करना पड़ा है। फिर भी, ब्रैनसन बनाम बेजोस की लड़ाई में, ब्रैनसन ने बाजी मार ली। ब्रैनसन ने वीएसएस यूनिटी स्पेसशिप में भारत की बेटी सिरिशा समेत 5 क्रू मेंबर्स के साथ 11 जुलाई को स्पेस की यात्रा की थी। इसी के साथ कंपनी ने स्पेस टूरिज्म शुरू करने का सबसे बड़ा पड़ाव पार कर लिया। 

ब्रैनसन ऑर्बिट में एक रॉकेट भी भेज चुके हैं। इसके लिए सब ऑर्बिटल ट्रिप की तुलना में कहीं अधिक गति और रॉकेट पावर की आवश्यकता होती है। 2017 में ब्रैनसन के वर्जिन गैलेक्टिक से निकली वर्जिन ऑर्बिट ने जनवरी में सैटेलाइट्स का पहले बैच को ऑर्बिट में पहुंचाया था। इसे वर्जिन ऑर्बिट के लॉन्चर वन से भेजा गया था। हालांकि ये मस्क के फाल्कन 9 और बेजोस के ग्लेन रॉकेट जितना शक्तिशाली नहीं है। वर्जिन गैलेक्टिक के कुछ बोल्ड लॉन्ग-टर्म विज़न भी हैं, जिसमें एक सबऑर्बिटल, सुपरसोनिक जेट बनाना शामिल है जो लोगों को ब्रेकनेक गति से शहरों के बीच शटल कर सकता है।

इस मॉर्डन डे स्पेस रेस को सम अप करें तो सभी तीन अरबपतियों की समान लेकिन अलग-अलग एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल एंबिशन्स हैं। इनका लक्ष्य सैटेलाइट, लोगों और कार्गों को स्पेस में कम दामों में और तेजी से पहुंचाना है जो पिछले दशकों में संभव नहीं था। हालांकि इस रेस में कौन आगे है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि न तो ब्रैनसन और न ही बेजोस की कंपनियां अब तक अंतरिक्ष यात्रियों को अर्थ के ऑर्बिट तक ले जाने में कामयाब रही हैं। बेजोस और ब्रैनसन दोनों ने ही केवल स्पेस के एज तक का सफर तय किया है। दूसरी ओर मस्क ने खुद अंतरिक्ष की यात्रा नहीं की है, लेकिन बेजोस और ब्रैनसन की तुलना में उन्होंने काफी उन्नत टेक्नोलॉजी के रॉकेट बना लिए हैं। मस्क का ड्रीम लोगों को मंगल ग्रह पर पहुंचाना है।

Created On :   20 July 2021 6:10 PM IST

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