15वां क्लेरमोंट पारिस्थितिक सभ्यता अंतर्राष्ट्रीय मंच ऑनलाइन आयोजित
- वैश्विक पारिस्थितिक
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। 15वां क्लेरमोंट पारिस्थितिक सभ्यता अंतर्राष्ट्रीय मंच 27 से 29 मई तक ऑनलाइन आयोजित किया गया। उपस्थित विभिन्न देशों के विशेषज्ञों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के तहत लोगों को अधिक जागरूक होना चाहिए कि पारिस्थितिक सभ्यता का निर्माण और मनुष्य व प्रकृति के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को साकार करना मनुष्य के सामने मौजूद जरूरी कार्य है। चीन और अमेरिका को एकजुट होकर वैश्विक पारिस्थितिक सभ्यता के निर्माण को बढ़ाने की जरूरत है।
वर्तमान मंच महामारी के तहत पारिस्थितिक सभ्यता और पारिस्थितिक गृह के निर्माण पर केंद्रित है। अमेरिका, चीन, भारत, हंगरी और अन्य देशों के पारिस्थितिक सभ्यता के क्षेत्र में 200 से अधिक विशेषज्ञों और अभ्यासियों ने पारिस्थितिक सभ्यता, पारिस्थितिक गांव और पारिस्थितिक शहर जैसे विषयों पर गहन चर्चा की है।
अमेरिका के राष्ट्रीय मानविकी अकादमी के अकादमीशियन 97 वर्षीय जॉन कॉब जूनियर ने अपने भाषण में कहा कि अमेरिका और चीन के बीच सहयोग संबंधों का विकास महत्वपूर्ण है। कोविड-19 महामारी के संदर्भ में विभिन्न देशों के लिए सहयोग को मजबूत करना और पारिस्थितिक सभ्यता के निर्माण को बढ़ावा देना और भी आवश्यक है।
अमेरिका के चीन-अमेरिका उत्तर आधुनिकतावाद विकास अनुसंधान संस्थान के निदेशक फान मेइयुन ने कहा कि पारिस्थितिक सभ्यता का निर्माण करना और मनुष्य व प्रकृति के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को साकार करना मनुष्य के सामने मौजूद समान कार्य है और इसके महत्व पर जितना भी जोर दिया जाए काफी नहीं है।
चीनी पारिस्थितिक सभ्यता अनुसंधान व संवर्धन संघ के उपाध्यक्ष ल्यु छिंगसोंग ने अपने भाषण में कहा कि चीन वैश्विक पारिस्थितिक सभ्यता के निर्माण में महत्वपूर्ण भागीदार, योगदानकर्ता और मार्गप्रदर्शक बन रहा है। चीन ने पारिस्थितिक सभ्यता के निर्माण के लिए कई राष्ट्रीय प्रदर्शन क्षेत्रों का नाम दिया है और सिलसिलेवार पारिस्थितिक सभ्यता निर्माण के विशिष्ट मॉडलों को तैयार किया।
वार्षिक क्लेरमोंट पारिस्थितिक सभ्यता अंतर्राष्ट्रीय मंच 2006 में स्थापित हुआ। पहले वह अमेरिका के कैलिफोर्निया के प्रसिद्ध पारिस्थितिक शहर क्लेयरमोंट में आयोजित किया जाता था। इस साल महामारी के प्रभाव के कारण वह ऑनलाइन आयोजित किया गया।
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Created On :   29 May 2022 10:00 PM IST