Oil Leak: मॉरिशस के तट पर 14 डॉल्फिन की मौत, जानिए हजारों टन ऑइल लीक की वजह से कैसे प्रभावित हो रही मरीन लाइफ?

14 dolphins die in Mauritius near Japanese ship’s oil spill
Oil Leak: मॉरिशस के तट पर 14 डॉल्फिन की मौत, जानिए हजारों टन ऑइल लीक की वजह से कैसे प्रभावित हो रही मरीन लाइफ?
Oil Leak: मॉरिशस के तट पर 14 डॉल्फिन की मौत, जानिए हजारों टन ऑइल लीक की वजह से कैसे प्रभावित हो रही मरीन लाइफ?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंद महासागर में बसे देश मॉरिशस के तट पर 14 डॉल्फिन की मौत हो गई। वहीं कुछ अन्य डॉल्फिन गंभीर हालत में किनारे पर मिली है। पर्यावरण सलाहकार सुनील डोवरकासिंग ने कहा, मुझे लगता है कि दो संभावनाएं हैं: या तो वे समुद्र में फैले हजारों टन ईंधन के चलते मारी गई। या फिर डूबे जहाज के बो पर मौजूद टॉक्सिक मटेरियल की चपेट में आने से ऐसा हुआ। 

200 टन डीज़ल और 4,000 टन हैवी फ्यूल ऑइल समंदर में लीक
बता दें कि 25 जुलाई की शाम को जापान की कंपनी नागशिकी शिपिंग लिमिटेड का जहाज़ मर्चेंट वैसल वाकाशिओ चीन स्थित तियानजिन बंदरगाह से रवाना होकर ब्राजील जा रहा था। ट्रांसपोर्ट कंपनी ‘मितुसी OSK’ ने इस जहाज को किराये पर लिया था। जब ये जहाज हिंद महासागर में बसे देश मॉरिशस की दक्षिण-पश्चिमी दिशा से होकर गुज़र रहा था तो कोरल रीफ़्स में अटक गया। करीब एक हफ़्ता बीत गया, लेकिन जहाज आगे नहीं बढ़ पाया। थपेड़ों के कारण जहाज़ के मुख्य ढांचे में दरार पड़ गई। इस दरार के कारण वाकाशिओ के अंदर रखा करीब 200 टन डीज़ल और 4,000 टन हैवी फ्यूल ऑइल समंदर में लीक होने लगा। जल्द ही ये तेज एक बड़े इलाके में फैल गया।

लीक हुए तेल का सबसे ज़्यादा नुकसान मरीन लाइफ को
वाकाशिओ से लीक हुए तेल का सबसे ज़्यादा नुकसान मरीन लाइफ को पहुंचा है। ऑइल लीक के कारण इन इलाकों में समंदर के ऊपर तेल की मोटी परत जम गई है। इसके अलावा तेल के कई घुलनशील तत्वों की एक परत पानी की सतह के नीचे भी फैल गई। ये सब यहां के मरीन लाइफ़ के लिए ज़हर का काम कर रही हैं। तेल की परत के कारण समंदर के नीचे रहने वाले जीवों को ऑक्सिज़न नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा तेल से निकला ज़हरीला हाइड्रोकार्बन कोरल रीफ़्स को भी ब्लीच कर रहा है। जिससे वो मर रहे हैं।

कोरल रीफ़्स पर निर्भर 25 फीसद मछलियां
समंदर में पाई जाने वाली करीब 25 फीसद मछलियां अपने वज़ूद के लिए इन्हीं कोरल रीफ़्स पर निर्भर करती हैं। जब कोरल रीफ़्स नहीं रहेंगे या क्षतिग्रस्त हो जाएंगे, तो उनपर आधारित समुद्री जीवों का क्या होगा? वहीं दुनियाभर के 10 लाख से ज़्यादा पर्यटक मॉरीशस के समंदर को देखने आते हैं। पिछले दो दशक से सालाना करीब नौ फीसदी की दर से टूरिज़म बढ़ रहा है यहां. 2018 में मॉरीशस की कुल GDP का करीब एक चौथाई हिस्सा इसी टूरिज़म से आया। माने पर्यटकों की ये आमद मॉरीशस की जीवन रेखा है। जब मरीन लाइफ ख़त्म होगी, तो उसपर निर्भर पर्यटन भी तो प्रभावित होगा. फिशिंग जैसे उद्योग भी प्रभावित होंगे।

Created On :   26 Aug 2020 11:52 PM IST

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