विश्वास मत: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने संसद में 18 महीने में हासिल किया चौथा विश्वास मत

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने संसद में 18 महीने में हासिल किया चौथा विश्वास मत
  • 157 सदस्यों का मिला साथ
  • मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस ने मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया
  • 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में से 158 वोटिंग में शामिल हुए

डिजिटल डेस्क, काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने सोमवार को संसद में विश्वास मत हासिल कर लिया, ये वाला विश्वास मत उनके पदभार संभालने के 18 महीने के भीतर चौथा शक्ति परीक्षण था। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी केंद्र) के नेता प्रचंड ने 18 महीने के भीतर चौथी बार विश्वास मत हासिल किया है।

आपको बता दें दिसंबर 2022 में पुष्प कमल दहल ने प्रधानमंत्री पद संभाला था। उसके बाद से ये चौथा मौका है, जब उन्होंने सदन में विश्वास मत जीता है। प्रंचड ने नेपाली कांग्रेस से अलग होकर नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के साथ एक नया गठबंधन बनाया है। नेपाल के संविधान के हिसाब से किसी सहयोगी दल के सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होता है। ऐसे में सोमवार को नेपाली संसद में विश्वास मत पर वोटिंग हुई।

नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर प्रंचड को 157 सदस्यों का समर्थन हासिल हुआ। कुल 158 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा लिया। सीपीएन (माओवादी केंद्र) प्रतिनिधि सभा में तीसरा सबसे बड़ा दल है। उसको नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी का भी समर्थन मिला। मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस ने मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया। जबकि एचओआर के एक सदस्य ने किसी भी पक्ष का साथ नहीं दिया। यह मतदान गठबंधन सहयोगियों में से एक जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) द्वारा पिछले सप्ताह गठबंधन सरकार से अलग होने के बाद हुआ है।

आपको बता दें कुछ दिन पहले नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल उपप्रधानमंत्री और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव नेअपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे को लेकर यादव ने कहा मैंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री दहल को सौंप दिया। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए मुझे सरकार के साथ अपना सहयोग जारी रखना अस्थिर लगता है। जेएसपी-नेपाल के प्रतिनिधि सभा (एचओआर) में कुल मिलाकर 12 विधायक थे। अब एचओआर में पार्टी की ताकत घटकर 5 रह गई है, क्योंकि राय और छह अन्य विधायक और 30 केंद्रीय समिति के सदस्य नई पार्टी में शामिल हो गए हैं। यादव के इस्तीफा देने के साथ ही उनकी पार्टी सरकार से बाहर हो गई है। यह एक तरह से प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को झटका है।

यूनीवार्ता के मुताबिक उपप्रधानमंत्री और स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री उपेन्द्र यादव तथा पार्टी के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या राज्य मंत्री दीपक कार्की ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल को अपना इस्तीफा सौंपते हुए बंधन सरकार से नाता तोड़ दिया। प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के पास अभी भी सीपीएन-यूएमएल की 77 सीटों, माओवादी सेंटर की 32, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी की 21, नवगठित जनता समाजवादी पार्टी की सात और सीपीएन-यूनिफाइड की 10 सीटों के साथ बहुमत है। गठबंधन को बहुमत साबित करने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 सीटों की आवश्यकता थी।

खबरों के मुताबिक विपक्षी नेपाली कांग्रेस प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री माधव नेपाल के नेतृत्व वाले जेएसपी-नेपाल और सीपीएन-यूएस को एकजुट करने की कोशिश कर रही है। नेपाली कांग्रेस वर्तमान में सहकारी निधि के दुरुपयोग के मामले को लेकर उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री रवि लामिछेने के इस्तीफे की मांग कर रही है।

Created On :   20 May 2024 7:44 PM IST

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