भारत की प्रतिक्रिया: धार्मिक स्वतंत्रता की चिंता या कोई एजेंडा? अमेरिकी आयोग USCIRF की रिपोर्ट पर भड़का भारत, दिया मुंह तोड़ जवाब

धार्मिक स्वतंत्रता की चिंता या कोई एजेंडा? अमेरिकी आयोग USCIRF की रिपोर्ट पर भड़का भारत, दिया मुंह तोड़ जवाब
  • अमेरिकी रिपोर्ट पर भारत की प्रतिक्रिया
  • भारत की गरिमा को चोट पहुंचाने की कोशिश- रणधीर जायसवाल
  • RAW पर लगाए थे गंभीर आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी आयोग यूएस कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) के भारत पर लगाए गंभीर आरोपों पर भारत की प्रतिक्रिया सामने आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का कहना है कि USCIRF को भारत की धार्मिक स्वतंत्रता की फिक्र नहीं है। वह कुछ घटनाओं को गलत तरीके से दिखाकर भारत की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने USCIRF की रिपोर्ट को पक्षपातपूर्ण बताया है।

भारत का जवाब

भारत ने USCIRF की रिपोर्ट का मुंह तोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि यह कोई धार्मिक चिंता नहीं है बल्कि भारत की वाइब्रेंट मल्टीकल्चरल सोसाइटी की इमेज को खराब करने का एजेंडा है। रणधीर जायसवाल ने कहा कि आबादी 140 करोड़ है। जो अलग-अलग धर्मों को मानते हैं। उन्होंने आगे निशाना साधते हुए कहा, हमें ऐसा नहीं लगता है कि USCIRF यह दिखाएगा कि भारत में अलग-अलग धर्म के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं।

यह भी पढ़े -रूस-यूक्रेन के बीच युद्धविराम समझौता होना मुश्किल! शांति वार्ता से पहले रूस का बड़ा हमला, यूक्रेन ने किया 145 से ज्यादा ड्रोन दागने का दावा

USCIRF की रिपोर्ट में क्या है?

धार्मिक आजादी पर काम करने वाली अमेरिकी संस्था यूएस कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने एक बार फिर भारत के खिलाफ टिप्पणी की। USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जाता है। इसमें मुस्लिम और ईसाई समुदायों शामिल हैं जिनके खिलाफ भेदभाव होता है। इसके अलावा रिपोर्ट में भारत की जासूसी एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) को लेकर भी जहर उगला है। USCIRF का गंभीर आरोप है कि खालिस्तनी आलगाववादियों की हत्या के पीछे RAW का भी हाथ है।

वियतनाम की कम्युनिस्ट सरकार से की भारत की तुलना

USCIRF ने भारत के खिलाफ न केवल गंभीर आरोपों की बौछार की है बल्कि RAW को बैन करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में भारत की तुलना वियतनाम की कम्युनिस्ट सरकार से की गई है। इसके अलावा यह भी दावा किया गया है कि साल 2024 से भारत के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ गया है। USCIRF का आरोप है कि भारत में कानून का ठीक तरह से पालन नहीं किया जा रहा ताकि धार्मिक अल्पसंख्यकों और पत्रकारों को निशाना बनाया जा सके।

Created On :   26 March 2025 6:34 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story