53 साल बाद बांग्लादेश में पाक आर्मी की एंट्री: ट्रेनिंग के लिए बांग्लादेश जाएंगे पाकिस्तान के सैनिक, दोनों देशों की नजदीकी से भारत की बढ़ी टेंशन
- पाकिस्तान आर्मी देगी बांग्लादेशी सेना को ट्रेनिंग
- बांग्लादेश आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान ने किया था आमंत्रित
- बांग्लादेश आर्मी ने पाकिस्तान से गोला- बारूद की दो बड़ी खेप भी मंगाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश ने अपनी सेना की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान आर्मी को बुलाया है। ऐसे में साल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यह पहला मौका होगा जब पाकिस्तान आर्मी बांग्लादेश में कदम रखेगी। पाकिस्तान सेना का एक मेजर जनरल रैंक के नेतृत्व में सेना की एक स्पेशल टीम बांग्लादेश आर्मी को ट्रेनिंग देगी।
दरअसल, नवंबर में पाकिस्तानी आर्मी के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने बांग्लादेश सेना को ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव को बांग्लादेश आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद जनरल वकार की ओर से पाक आर्मी को ट्रेनिंग का निमंत्रण दिया गया।
बांग्लादेश ने मंगाई गोला-बारूद की खेप
बांग्लादेश ने पाकिस्तान से गोला- बारूद की दो बड़ी खेप मंगाई हैं। सितंबर से दिसंबर के बीच बांग्लादेश ने 40 हजार राउंड एम्युनिशन मंगवाए हैं। जो कि पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक हैं। पिछले साल ये 12 हजार राउंड थे। इसके अलावा बांग्लादेश ने 2 हजार राउंड टैंक एम्युनिशन और 40 टन आरडीएक्स भी मंगवाया है।
पाकिस्तान में नौसेनिक अभ्यास करेगी बांग्लादेश नेवी
बांग्लादेश नेवी अगले साल फरवरी में पाकिस्तान के साथ कराची पोर्ट पर नौसेनिक युद्धाभ्यास करेगी। इस संयुक्त युद्धाभ्यास को अमन-2025 नाम दिया गया है। पाकिस्तान इस युद्धाभ्यास का आयोजन हर दो साल में करता है।
वहीं, 15 साल में ऐसा मौका दूसरी बार आया है जब बांग्लादेश इस युद्धाभ्यास में शामिल होगा। शेख हसीना के सत्ता में आते ही बांग्लादेश नेवी ने इसमें हिस्सा लेना बंद कर दिया था। साल 2022 में शेख हसीना ने पाकिस्तान के युद्धपोत तैमूर को चटगांव में रुकने की परमिशन तक नहीं दी थी। तैमूर को म्यांमार के क्यायुकफु पोर्ट पर लंगर डालकर फ्यूल लेना पड़ा था।
भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा?
सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक बांग्लादेश और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकी से भारत के 80 किमी चौड़े सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) पर खतरा मंडरा सकता है। ये कॉरिडोर भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। बांग्लादेश में पाकिस्तान के प्रवेश के बाद पूर्वोत्तर के कट्टरपंथी ग्रुप के और हावी होने के चांसेज हैं।
दूसरी और बांग्लादेश की जियोपॉलिटिकल लोकेशन काफी महत्वपूर्ण है। चिकन नेक कॉरिडोर के पास ही भूटान का डोकलाम भी है। जिस पर चीन कब्जा जमाना चाहता है। ऐसे में बांग्लादेश की वर्तमान सरकार और अब पाक सेना की एंट्री के बाद चीन के लिए यहां अनुकूल हालात हैं।
Created On :   25 Dec 2024 5:50 PM IST