खुशखबरी: कतर में फांसी की सजा पाए आठ भारतीय पूर्व नौसैनिक रिहा, भारत सरकार ने फैसले का किया का स्वागत
- भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत
- आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक में से सात वापस भारत लौटे
- कॉप-28 सम्मेलन में पीएम मोदी और अमीर के बीच हुई थी चर्चा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कतर में फांसी की सजा पाने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक रिहा हो गए हैं। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। सभी आठ भारतीयों की रिहाई होने पर भारत सरकार ने खुशी जताई है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कतर में फांसी की सजा पाने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक में से सात भारतीय अपने वतन वापस भारत लौट आए हैं। हम अपने नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के फैसले की सराहना करते हैं। कतर ने आठों अधिकारियों की मौत की सजा खत्म कर दी।
आपको बता दें पूर्व नौसैनिकों की सजा खत्म करने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के बीच दुबई में कॉप-28 सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात के चार सप्ताह के अंदर सुनाया गया । पीएम मोदी ने एक दिसंबर को हुई मुलाकात के बाद कहा था कि उन्होंने कतर में रह रहे भारतीय लोगों के बारे में अमीर से चर्चा की थी। माना जाता है कि इसी दौरान नौसैनिकों का मुद्दा भी उठाया गया होगा।
आठाें पूर्व नौसैनिक दोहा स्थित अल दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजि में कार्य करते थे। जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में उन्हें कतर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। एक साल से अधिक जेल में रहने के बाद पूर्व नौसैनिकों को कतर की निचली अदालत ने बीते साल अक्टूबर माह में मौत की सजा सुनाई थी। सूचना दिए बिना कतर के इस फैसले से भारत सरकार के सामने कई प्रकार की चुनौतियां पैदा हो गई। हैरानी में भारत सरकार ने फौरन कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील की।
भारत को अपने पूर्व नौसैनिक अधिकारियों को सफलता पूर्वक बचाने में कूटनीतिक कामयाबी तब मिली जब कतर ने अधिकारियों की सजा को समाप्त कर दिया। कतर प्राकृतिक गैस का भारत को बड़ा आपूर्तिकर्ता है। वहां करीब आठ लाख भारतीय काम करते हैं। दोनों देशों के बीच हमेशा से बेहतर संबंध रहे हैं।खबरों के मुताबिक सभी पर पनडुब्बी परियोजना की जासूसी करने का आरोप था। अल दाहरा ग्लोबल कंपनी कतर के सैन्य बलों व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण व अन्य सेवाएं मुहैया कराती है।
Created On :   12 Feb 2024 10:35 AM IST