ड्रेगन की बिगड़ी हालत, पढ़े-लिखे युवा लगा रहे झाड़ू-पोछा, अर्थशास्त्री का आरोप बेरोजगारी के आंकड़े छिपा रही जिंनपिंग सरकार
- चीन की हालात खस्ता
- बेरोजगारी दर पहुंची रिकॉर्ड स्तर पर
- आगे और बिगड़ सकते हैं हालात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क और विश्व की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की हालत दिन-ब-दिन बद से बदतर होती जा रही है। देश में बरोजगारी दर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। हालात ऐसे हैं कि यहां के पढ़े-लिखे युवाओं को झाड़ू-पोछा जैसे काम करके अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक, आने वाले दिनों में बेरोजगारी का यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है क्योंकि इस साल चीन में करीब 1.5 करोड़ युवा ग्रेजुएट पास आउट हो रहे हैं, जिन्हें नौकरी की आवश्यकता होगी।
इस सब के बीच चीन की एक महिला प्रोफेसर ने दावा किया है कि इस साल मार्च के महीने में देश में युवा बेरोजगारी की दर 50 फीसदी के करीब पहुंच गई थी। जबकि चीन की सरकार की तरफ से जारी किए आंकड़ों में मार्च के महीने में युवाओं की बेरोजगारी दर 19.7 फीसदी थी।
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 16 से 24 साल तक की आयु वर्ग में बेरोजगारी दर मार्च के मुकाबले करीब 2 फीसदी बढ़कर 21.3 फीसदी पर हो गई है। हालांकि चीन में सरकार द्वारा जारी आंकड़े हमेशा बहस का विषय रहे हैं क्योंकि जिनपिंग सरकार सही आंकड़े दिखाने से बचती रही है। ऐसे में महिला प्रोफेसर के दावे और चीनी सरकार के आधिकारिक आंकड़ों में अंतर होने पर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है।
देश के आधे युवा बेरोजगार
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीकिंग यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर झांग डैनडैन के मुताबिक, चीन में मार्च के महीने में युवाओं की बेरोजगारी दर 50 फीसदी के करीब पहुंच गई थी। झांग ने मैगजीन में लिखे अपने लेख में कहा कि, अगर घर में बेरोजगार पड़े या अपने माता-पिता पर निर्भर 1.6 करोड़ गैर छात्रों को भी मिला दिया जाए तो यह दर 46.5 फीसदी के आसपास रहती है।
प्रोफेसर झांग ने अपने लेख में बताया कि चीन का सबसे ताकतवर सेक्टर उसका सर्विस सेक्टर है जिसमें कोरोना के चलते भारी मंदी आ गई है। कोविड के बाद यह सेक्टर उस तेजी से रिकवर नहीं कर पाया जितना करना चाहिए था। जिस वजह से बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है।
झांग के अनुसार, साल 2021 में सरकार द्वारा ट्यूटरिंग, प्रॉपर्टी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सेक्टर्स को लेकर बनाए गए नियमों के कारण भी युवाओं और पढ़े-लिखे लोगों की मुसीबतें और बढ़ी हैं। बता दें कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की जीडीपी ग्रोथ पिछली तिमाही में 4.5 फीसदी रही थी। इसका कारण विश्वस्तर पर चीनी प्रोडक्टों की मांग में तेजी से गिरावट आना है।
Created On :   26 July 2023 4:50 PM IST