हमीदिया मामला: चिकित्सा मंत्री बोले कोरोना मरीजों की मौत का जिम्मेदार नहीं है अस्पताल प्रबंधन, कमिश्नर ने दी क्लीनचिट
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र के सबसे बड़े रेफलर अस्पताल (हमीदिया अस्पताल) में भर्ती कोरोना संक्रमित तीन मरीजों की मौत पर सियासत के बाद जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। जिसमें कहा गया है कि, कोरोना के तीन मरीजों की मौत का जिम्मेदार हमीदिया अस्पताल प्रबंधन नहीं है। संभाग आयुक्त कवीन्द्र कियावत ने यह रिपोर्ट मध्य प्रदेश सरकार को सौंपी है। रिपोर्ट में कहा है कि भोपाल के शासकीय हमीदिया चिकित्सालय के कोविड वार्ड में शुक्रवार रात को बिजली आपूर्ति बाधित होने का कोरोना संक्रमित तीन मरीजों की मृत्यु से कोई संबंध नहीं है।
हालांकि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। लेकिन सवाल यह कि अस्पताल में भर्ती इन तीन कोरोना मरीजों की मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है? आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में...
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इस मामले में संभाग आयुक्त कियावत का कहना है कि, ‘‘ वेंटिलेटर पर रखे गए कोरोना के किसी भी मरीज की शाम 5.45 से 7.15 बजे तक मौत नहीं हुई थी, क्योंकि बिजली जाने के बावजूद वेंटिलेटर बैकअप पर काम कर रहा था।’’ राज्य सरकार द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में भी कहा गया कि हमीदिया चिकित्सालय के कोविड वार्ड में विद्युत आपूर्ति में अवरोध का कोरोना पाजीटिव तीन मरीजों की मृत्यु से कोई संबंध नहीं है।
कियावत ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विद्युत आपूर्ति में अवरोध होने पर कोरोना इकाई की ट्रामा यूनिट के डी.जी.सेट का आटो स्विच ऑन नहीं हुआ तथा यह डेढ़ घंटा बंद रहा। रिपोर्ट में बिजली आपूर्ति से जुड़े संबंधित लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
यह है मामला
शुक्रवार रात भोपाल के हमीदिया अस्पताल में तीन कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। इस बीच लाइट भी गुल हुई। कोविड-19 वार्ड में भर्ती 3 मरीजों की मौत पर कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि शुक्रवार देर रात बिजली गुल होने के कारण वेटिंलेटर पर रखे गए कोरोना के तीन गंभीर मरीजों की मौत हो गई।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि हमीदिया अस्पताल के कोविड-19 उपचार केन्द्र में बिजली गुल होने के कारण तीन कोरोना मरीजों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उन्होंने इसके मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री से त्यागपत्र देने की मांग भी की थी।
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जांच के आदेश
मामले की जानकारी मिलते ही इस लापरवाही को लेकर मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे। साथ ही अस्पताल के डीन को नोटिस दिया गया है और मेंटेनेंस इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया। सरकार ने कहा है कि जो भी दोषी होगा बख्शा नहीं जाएगा।
इसके बाद संभाग आयुक्त कियावत ने जांच रिपोर्ट सौंपी। कियावत के अनुसार,‘‘ वेंटिलेटर पर रखे गए कोरोना के किसी भी मरीज की शाम 5.45 से 7.15 बजे तक मौत नहीं हुई थी, क्योंकि बिजली जाने के बावजूद वेंटिलेटर बैकअप पर काम कर रहा था।’’ राज्य सरकार द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में भी कहा गया कि हमीदिया चिकित्सालय के कोविड वार्ड में विद्युत आपूर्ति में अवरोध का कोरोना पाजीटिव तीन मरीजों की मृत्यु से कोई संबंध नहीं है।
कियावत ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विद्युत आपूर्ति में अवरोध होने पर कोरोना इकाई की ट्रामा यूनिट के डी.जी.सेट का आटो स्विच ऑन नहीं हुआ तथा यह डेढ़ घंटा बंद रहा। रिपोर्ट में बिजली आपूर्ति से जुड़े संबंधित लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
चिकित्सा मंत्री सारंग का कहना
जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद मप्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इस रिपोर्ट को आधार बनाया। उन्होंने कहा कि हमीदिया अस्पताल में कोरोना वार्ड में बिजली गुल होने के बाद कोरोना के तीन मरीजों की मौत का जिम्मेदार हमीदिया अस्पताल प्रबंधन नहीं है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में 3 लोगों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।
Created On :   13 Dec 2020 5:05 AM GMT