समस्याओं के समाधान के लिए नवाचारी विचारों का बढ़ावा दे रही सरकार : हर्षवर्धन
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को यहां कहा कि समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए सरकार नवाचारी विचारों को बढ़ावा दे रही है। कोलकाता में चल रहे 5वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान उत्सव (आईआईएसएफ)-2019 के दूसरे दिन डॉ. हर्षवर्धन ने छात्रों की इंजीनियरिंग मॉडल प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। इस प्रतियोगिता में छात्रों के बनाए सामाजिक महत्व के मॉडलों को प्रदर्शित किया गया है।
इंजीनियरिंग मॉडल प्रतियोगिता में देशभर के करीब 200 छात्र एक छत के नीचे अपने नवोन्मेषी आइडिया को लेकर आए हैं और उनके बनाए हुए 108 मॉडल यहां दर्शाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग एक ऐसा कौशल है जो विज्ञान को मूर्त कला में बदल सकती है। मानव जीवन को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने में इंजीनियरिंग बेहद उपयोगी है। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य बच्चों के बीच इंजीनियरिंग कौशल को प्रोत्साहित करना और उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करना है। सरकार नवाचारी विचारों को प्रोत्साहित करने और नए विचारों को स्टार्टअप का रूप देने का प्रयास करने वाले छात्रों का स्वागत करने के लिए हर समय तैयार रहती है।
कोलकाता के सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक जीव विज्ञान संस्थान में आयोजित यह इंजीनियरिंग मॉडल प्रतियोगिता आईआईएसएफ का एक अहम हिस्सा है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आईआईएसएफ में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि विज्ञान में सफल होने के लिए सतत प्रयास का महत्व अधिक है।
उन्होंने बताया कि दो लाख से भी अधिक नवोन्मेषी विचारों को अहमदाबाद के राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान जैसी संस्थाओं ने विकसित किया है। इस प्रदर्शनी में दर्शाए गए मॉडलों को देखने के बाद मंत्री ने छात्रों के प्रयासों को सराहा है। ²ष्टिबाधित लोगों के लिए बनाई गई साइकिल की उन्होंने विशेष रूप से प्रशंसा करते हुए छात्रों के नवाचारी प्रयासों को प्रोत्साहित करने को जरूरी बताया है।
मंत्री ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी एक ऐसी बौद्धिक संपदा है, जो विभिन्न मौजूदा समस्याओं से निपटने के समाधान दे सकती है। नई खोजों को बढ़ावा देने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है, जिस पर खुद प्रधानमंत्री सबसे अधिक भरोसा करते हैं। भारत ऐसे युवाओं एवं छात्रों की प्रतिभा का उपयोग समस्याओं के हल तलाशने में कर सकता है। यदि कोई वंचित प्रतिभाशाली है तो उसे भी आगे बढ़ने और उसके लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करना हम सबकी जिम्मेदारी है ताकि वे भी भविष्य में सफल उद्यमी बन सकें या फिर कोई स्टार्टअप खड़ा कर सकें।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, इस प्रदर्शनी में शामिल छात्रों के मॉडलों को देखकर यह कहा जा सकता है कि भारत के छात्रों में रचनात्मक विचारों की कमी नहीं है। तकनीक की मदद से मशीनों की लागत को कम करने से लेकर दिव्यांगों के अनुकूल सहायक तकनीकों के विकास तक विभिन्न प्रयास इस आयोजन में देखे जा सकते हैं। उन्होंने छात्रों के मॉडल देखकर उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि एक विषय को चुनकर उसमें आगे बढ़ते रहना चाहिए। एक बार असफल होने पर हमें निराश नहीं होना चाहिए।
Created On :   7 Nov 2019 12:00 AM IST