यूक्रेन विरोधी गलत सूचनाएं फैलाने को किया जा रहा डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल

Deepfake video being used to spread anti-Ukraine misinformation
यूक्रेन विरोधी गलत सूचनाएं फैलाने को किया जा रहा डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल
रूस-यूक्रेन युद्ध यूक्रेन विरोधी गलत सूचनाएं फैलाने को किया जा रहा डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल
हाईलाइट
  • अमेरिकी खुफिया अधिकारी वीडियो और ऑडियो में हेराफेरी पर नजर रखे हुए हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली/कीव। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच डीपफेक वीडियो की संख्या में अचानक उछाल ने अमेरिकी अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। बताया जा रहा है कि इनका इस्तेमाल यूक्रेन विरोधी गलत सूचनाएं फैलाने के लिए किया जा रहा है।

द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन टुडे नाम के एक रूसी प्रचार अभियान में युद्ध के इर्द-गिर्द फर्जी खबरों को बढ़ावा देने के लिए फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अमेरिकी खुफिया अधिकारी वीडियो और ऑडियो में हेराफेरी पर नजर रखे हुए हैं, क्योंकि गलत सूचना के कई मामले सामने आ सकते हैं।

फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एफबीआई अवैध डीपफेक के खिलाफ अभियान जारी रखे हुए है, क्योंकि तकनीक में सुधार जारी है।

एफबीआई साइबर डिवीजन यूनिट के प्रमुख प्रणव शाह ने रिपोर्ट में कहा, ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट और छवियां जो कुछ ऐसा दिखाने के लिए बनाई गई हैं, जो जरूरी नहीं थीं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फेसबुक और ट्विटर ने सप्ताहांत में रूस समर्थक यूक्रेनी होने का दिखावा करने वाले कई फर्जी प्रोफाइलों को हटा दिया है।

यूक्रेन विरोधी दुष्प्रचार को बढ़ावा देने के लिए डीपफेक का उपयोग करते हुए रूस और बेलारूस के साथ संबंधों को प्रभावित करने वाले ऑपरेशन चलते पाए गए हैं।

डीपफेक वीडियो फर्जीवाड़ा है, जो लोगों को ऐसा कुछ कहते हुए दिखाते हैं जो उन्होंने कभी नहीं किया, जैसे कि फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और यूएस हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी के लोकप्रिय जाली वीडियो, जो वायरल हो गए।

हाल के वर्षो में डीपफेक इतने विश्वसनीय हो गए हैं कि वास्तविक छवियों के अलावा उन्हें बताना मुश्किल हो सकता है।

फेसबुक और ट्विटर ने सप्ताहांत में दो यूक्रेन विरोधी गुप्त प्रभाव संचालन को बंद कर दिया। एक का संबंध रूस से था, तो दूसरे का बेलारूस से।

पिछले हफ्ते, एआई न्यूज ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि मनुष्य अब वास्तविक और एआई-जनित डीपफेक चेहरों के बीच अंतर नहीं कर सकते।

(आईएएनएस)

Created On :   2 March 2022 11:00 PM IST

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